Pratapgarh News : कालाकांकर के परियावां इंटर कालेज में आयोजित सामूहिक विवाह में शामिल पूर्व मंत्री स
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रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान देने के मामले में पूर्व मंत्री व सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनके बयान का जाति विशेष के लोग ही विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने दलितों, पिछड़ों की हिमायत की है। बृहस्पतिवार को कालाकांकर के परियावां स्थित इंटर कालेज में आयोजित सामूहिक शादी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी प्रसाद मौर्य ने सामूहिक विवाह को सराहा।
कहा कि इससे गरीब पिछड़े व शोषित लोगों को दहेज से छुटकारा मिलेगा और दहेज की कुप्रथा को बंद करने में मदद मिलेगी। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए गोस्वामी तुलसी दास द्वारा लिखे गए ग्रंथ रामचरित मानस की चौपाई को लेकर हुए विवाद पर कहा कि वे किसी धर्म, समाज, साधु, संत, महंत का विरोध नहीं कर रहे।
रामचरित मानस में लिखी कुछ चौपाइयों का विरोध किया जा रहा है। इन चौपाइयों में दलित, पिछड़े व महिलाओं को अपमानित करने की बात पर पाबंदी लगाने की बात कह रहा हूं। कहा कि पचासी परसेंट लोग उनके वक्तव्य के साथ हैं। विरोध तो कुछ दलित, पिछड़ों को गाली देने वाले लोग ही कर रहे हैं। आज नहीं तो कल मेरे इस वक्तव्य की जीत होगी। सत्य परेशान हो सकता है लेकिन कभी हार नहीं सकता।