AYODHYA: जानिए कौन हैं यमराज के लेखपाल, कैसे रखते हैं पृथ्वी लोक के जीवों के कर्मों लेखा-जोखा

[ad_1]

रिपोर्ट : सर्वेश श्रीवास्तव

अयोध्या. पृथ्वी पर जो भी प्राणी जन्म लेता है उसकी मृत्यु निश्चित है. यही प्रकृति का नियम है. उन्हें किसी न किसी बहाने अपना शरीर त्यागकर यमलोक जाना पड़ता है. पृथ्वी लोक में भगवान राम, कृष्ण समेत तमाम देवी-देवताओं को भी एक निश्चित समय पर अपना शरीर छोड़ना पड़ा और यमलोक जाना पड़ा. लेकिन क्या आप जानते हैं जब किसी प्राणी की जीवनलीला समाप्त होती है. तो यमलोक जाने के बाद उसके कर्मों का लेखा-जोखा कौन करता है. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर कौन करता है मनुष्य के कर्मों का लेखा जोखा.

धार्मिक मान्यता है कि जब मनुष्य की जीवन लीला समाप्त होती है और वह यमलोक पहुंच जाता है. वहां उसके कर्मों का लेखा-जोखा भगवान चित्रगुप्त रखते हैं और उसी के आधार पर उसको स्वर्गलोक या नरक लोक भेजा जाता है. मान्यता यह भी है कि किसी भी प्राणी के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक का लेखा जोखा भगवान चित्रगुप्त ही रखते हैं.

कौन हैं भगवान चित्रगुप्त

ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम के मुताबिक, भगवान चित्रगुप्त ब्रह्माजी के अंश से उत्पन्न हुए हैं. जब ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की तो उन्होंने देव, असुर, गंधर्व, स्त्री-पुरुष पशु-पक्षी इत्यादि को भी जन्म दिया. इसी दौरान एक यमराज का भी जन्म हुआ, जिन्हें धर्मराज भी कहा जाता है. क्योंकि यमराज धर्म के अनुसार प्राणियों को कर्म का फल देते हैं. इस कार्य के लिए यमराज ने ब्रह्माजी की हजारों वर्ष तक तपस्या की और एक सहयोगी की मांग की. तब ब्रह्माजी ने एक पुरुष की उत्पत्ति की, जिसे चित्रगुप्त के नाम से जाना गया. भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्माजी की काया से हुआ, जिन्हें कायस्थ भी कहा जाता है. कायस्थ समाज के लोग दीपावली के बाद यम द्वितीया के दिन भगवान चित्रगुप्त की विशेष पूजा-आराधना करते हैं.

जानिए क्या है महत्त्व

ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि भगवान चित्रगुप्त की पूजा का बहुत ही बड़ा महत्त्व है. व्यवसाय से जुड़े हुए लोग इस दिन बही-खातों पर श्री लिखकर कार्य प्रारंभ करते हैं. मान्यता है कि कारोबारी अपने कारोबार से जुड़े लेखा-जोखा का ब्यौरा भगवान चित्रगुप्त के सामने रखते हैं और व्यापार में आर्थिक उन्नति का आशीर्वाद मांगते हैं. कायस्थ समाज के लोग इस दिन विधि-विधानपूर्वक भगवान चित्रगुप्त की पूजा-आराधना करते हैं.

(नोट : यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है. NEWS18 LOCAL इसकी पुष्टि नहीं करता.)

Tags: Ayodhya News, Religious, UP news

[ad_2]

Source link