साहलग की तैयारी के चलते एक सर्राफ की दुकान पर खरीदारी करती महिलाएं
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देवोत्थान एकादशी का पर्व 23 नवंबर को धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। मंदिरों से लेकर घरों में विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके साथ ही लंबे समय से शुभ कार्यों पर लगी रोक हट जाएगी और विवाह-शादी व अन्य शुभ कार्यों का श्रीगणेश हो जाएगा। सहालगी सीजन को लेकर बाजार भी गुलजार हो गए हैं।
20 नवंबर को भी पूरे दिन बाजारों में खासी चहल-पहल दिखाई दी। शादियों को लोगों खरीदारी करने में व्यस्त रहे। कपड़े, ज्वेलर्स, चूडिय़ा आदि की दुकानों पर अधिक भीड़देखी गई। धर्मशाला व गेस्ट हाउस में भी सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक देवोत्थान एकादशी से पहले भगवान नींद में होते हैं। जिसके चलते शुभ कार्यों पर पूरी तरह से रोक रहती है। कार्तिक माह में पडऩे वाली एकादशी को देवोत्थान एकदाशी व देव दिवली भी कहते हैं। इस दिन से शुभ कार्यों पर लगी रोक हट जाती है और शादी विवाह का सीजन शुरु हो जाता है। बृहस्पतिवार को देवोत्थान एकादशी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाएगा।
घर-घर व मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। देवोत्थान एकादशी के अवसर जिले भर में दो से अधिक शादियों की धूम रहेगी। शादियों को लेकर बाजार खासे गुलजार हैं। जिसके चलते बाजारों में खरीदारी करने के लिए अच्छी-खासी भीड़ उमड़ रही है। सोमववार को कपड़ा, साड़ी, चूडिय़ा, ज्वेलर्स, जूता-चप्पल आदि की दुकानों पर खासी भीड़ रही। गेस्ट हाउस, मेरिज होम, बैंड संचालत व धर्मशाला संचालक तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।