यूपी का सबसे पहला 100 बेड अस्पताल एनसीआर में बनवा रही योगी सरकार, जानें प्लान


नोएडा. उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने यूपी के हर जिले में 100 बेड का सरकारी अस्पताल (Government Hospital) बनवाने का ऐलान किया है. खास बात यह है कि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत एनसीआर (NCR) के शहर से होगी. जेवर में यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) के किनारे बनने वाला यह अस्पताल ट्रॉमा सेंटर (Trauma Center) होगा. अच्छी बात यह है कि इसकी शुरुआत का काम सरकार अपने पहले कार्यकाल में कर चुकी है. इसलिए यूपी की शुरुआत जेवर से की जा रही है. यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे ट्रॉमा सेंटर बनने से एक्सप्रेस वे पर होने वाले एक्सीडेंट (Accident) के चलते हो रहीं मौतों के आंकड़ों में कमी आएगी. वहीं आसपास रहने वाले गांव के लोगों को यहां फ्री में इलाज मिलेगा.

100 बेड अस्पताल पर क्या बोले थे जेवर विधायक

जेवर से विधायक धीरेन्द्र सिंह का मानना है कि इस असप्ताल से संबंधित शुरुआती काम शुरू हो चुका है. लेकिन अब सीएम योगी के ऐलान के बाद इस काम में और तेजी आ जाएगी. उनका कहना है कि यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे जेवर के पास ट्रॉमा सेंटर निर्माण शुरु हो जाएगा. इसका फायदा वर्तमान में तो मिलेगा ही साथ में यहां जल्द होने वाली बसावट को भी इसका फायदा मिलेगा. हालांकि नियमों के मुताबिक जेपी कंपनी को एक्सप्रेसवे के किनारे अस्पताल का निर्माण कराना था, लेकिन उसने नोएडा में अंदर जाकर अपना अस्पताल बनाया, जिसका फायदा एक्सप्रेस वे पर एक्सीडेंट का शिकार होने वाले लोगों को नहीं मिल पाता है.

तेजी से हो रहे विकास के चलते लिया ट्रॉमा सेंटर का फैसला

बीजेपी विधायक धीरेन्द्र सिंह का कहना है कि जेवर और उसके आसपास बहुत तेजी से रेजिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल डवलपमेंट हो रहा है. इंटरनेशनल जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिंटी भी बन रही है. ऐसे में इमरजैंसी स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत भी होगी. और फिर यमुना एक्सप्रेस वे पर हर रोज छोटे या बड़े एक्सीडेंट होते हैं. एक्सीडेंट में बहुत से लोगों की जान तो सिर्फ इसलिए ही चली जाती है कि वक्त रहते उन्हें इलाज नहीं मिल पाता है. एक्सप्रेसवे जेवर, मथुरा और आगरा को जोड़ता है. लेकिन उसके किनारे कोई अस्पताल नहीं है. इसे खासतौर से ध्यान में रखते हुए ट्रॉमा सेंटर की मांग की गई थी.

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देखें यमुना एक्सप्रेसवे पर होने वाले एक्सीडेंट के आंकड़े

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता केसी जैन को आरटीआई से मिले जवाब के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस वे पर जनवरी 2017 तक करीब 4505 हादसे हुए, जिसमें करीब 626 लोगों की मौत हो चुकी है. साल दर साल यहां पर होने वाले हादसों में तेजी देखने को मिल रही है. 2015 की तुलना में एक्सप्रेस वे पर 2016 में 30 फीसद हादसे ज्यादा हुए थे. 2016 में एक्सप्रेसवे पर करीब 1193 एक्सीडेंट की घटनाएं हुईं थीं. इनमें करीब 128 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 2015 में यहां 919 हादसे हुए थे जिसमें 143 लोगों की मौत हो गई थी.

2013 की बात करें तो यहां 896 हादसे हुए जिसमें 118 लोगों की मौत हो गई थी. 2014 में इस एक्सप्रेस वे पर 771 हादसे हादसे हुए जिसमें 127 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. अगस्त 2012 में जब इस एक्सप्रेस को जनता के सुपुर्द किया गया था तब ही यहां दिसंबर 2012 तक करीब 294 हादसे हुए थे जिसमें 33 लोगों की जान चली गई थी.

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Tags: CM Yogi Adityanath, Government Hospital, Jewar airport, Yamuna Expressway



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