खाली पड़ी ओपीडी
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सर्दी के मौसम में कोल्ड डायरिया, चर्म रोग, दिल, दमा रोगों के साथ-साथ सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार का भी प्रकोप बढ़ा है। जिसके चलते जिला अस्पताल व दीनदयाल अस्पताल की ओपीडी में सुबह से ही मरीजों की लाइन लग जाती है। बृहस्पतिवार को भी हालात कुछ ऐसे ही थे। ओपीडी के आगे कतार लगी थी। मगर समय पूरा होने के बाद डॉक्टर उठ कर चल गए और मरीज अपनी बारी का इंतजार ही करते रह गए।
दोनों अस्पतालों की ओपीडी में दो-दो फिजीशियन डॉक्टर हैं। एक डॉक्टर प्रशासनिक ड्यूटी में व्यस्त हो जाते हैं, तो केवल एक डॉक्टर ही ओपीडी में रह जाते हैं। दोनों अस्पतालों में रोजाना लगभग 1100-1100 मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे में एक एक डॉक्टर के सहारे 1100 मरीजों को उपचार तो दूर की बात सलाह तक नहीं मिल पा रही है। सैकड़ों मरीज खाली हाथ मायूस लौट रहे हैं।
बृहस्पतिवार को भी दोनों अस्पतालों में जबरदस्त भीड़ थी। मगर सुबह 11:30 बजे तक एक ही एक डॉक्टर उपलब्ध थे, उनके कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी लाइन थी। जब तक सभी मरीजों को ये डॉक्टर देख पाते, तब तक उनका समय खत्म हो गया। ऐसे में मरीज बिना उपचार के ही वापस जाने को मजबूर हुए। इस विषय में जिला अस्पताल सीएमएस व दीनदयाल अस्पताल सीएमएस इतना ही कहते हैं कि हर मरीज को उपचार दिया जा रहा है। डॉक्टरों की कमी से जूझते हुए किसी तरह से काम चलाया जा रहा है।
सुबह से लाइन में लगी थी। उम्मीद थी कि अपनी बारी पर उपचार मिलेगा। मगर एक बजते ही डॉक्टर उठ गए और उपचार नहीं मिल सका। -शारदा, जयगंज
एक डॉक्टर के सहारे इतने बड़े अस्पताल में उपचार मिलना संभव नहीं होता। ऐसा ही हुआ है, अपनी बारी आते आते डॉक्टर ने ओपीडी छोड़ दी। -सत्यवती, सराय हकीम