वेव मेगा सिटी के हजारों खरीदारों को मिली बड़ी राहत, जानें क्या आया फैसला


नोएडा. वेव ग्रुप (Wave Group) के रेजिडिंशियल (Residential) और कमर्शियल प्रोजेक्ट (Commercial) से जुड़े हजारों खरीदारों को बड़ी राहत मिली है. दुकान, फ्लैट और प्लाट मिलने की उम्मीद अभी खत्म नहीं हुई है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल (NCLT) ने एक सुनवाई के दौरान वेव ग्रुप को बड़ा झटका दिया है. वेव मेगा सिटी के दिवालिया होने की अर्जी को खारिज करने के साथ ही एनसीएलटी ने वेव ग्रुप पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. साथ ही खरीदारों की जमा रकम में हेरफेर की आशंका को देखते हुए वेव ग्रुप के खातों की जांच कराने के लिए गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) को लिखा गया है. गौरतलब रहे वेव ग्रुप की ओर से वेव मेगा सिटी पर दिवालिया होने की प्रक्रिया चलाने की अनुमति मांगी गई थी.

वेव ग्रुप ने एनसीएलटी में कही यह बात

वेव ग्रुप का आरोप है कि नोएडा अथॉरिटी मनमाने तरीके से उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है. अथॉरिटी ने सेक्टर-32 और 25 में रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रोजेक्ट को गलत तरीके से सील किया है. कंपनी का दावा है कि वेव मेगा सिटी प्रोजेक्ट में 3800 करोड़ रुपये का इंवेस्ट किया गया था. इसमे बैंक लोन के रूप में लिए गए 200 करोड़ रुपये की रकम भी शामिल है. इतना ही नहीं खरीदारों से आए करीब 1400 करोड़ रुपये की रकम भी इसी में शामिल है. इसमें से 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान अलग-अलग सरकारी एजेंसियों को किया गया है. इसमे नोएडा अथॉरिटी को करीब 1600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.

2300 खरीदारों की अभी तक नहीं हुई रजिस्ट्री

वेव ग्रुप के कई अलग-अलग प्रोजेक्ट में अभी भी लगभग 2300 ग्रुप हाउसिंग और कॉमर्शियल के खरीदार परेशान हैं. वेव ग्रुप के खरीदारों की ओर से जारी आंकड़ों को माना जाए तो 23 सौ खरीदारों के फ्लैट और दुकान की रजिस्ट्री अभी तक नहीं हुई है. जानकारों की मानें तो अब यह रजिस्ट्री तभी होगी जब वेव ग्रुप नोएडा अथॉरिटी में बकाए की रकम जमा करेगा.

नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच शुरू हुआ एक और एक्सप्रेसवे का काम, जानें प्लान

वहीं एनसीएलटी का कहना है कि मामले की सुनवाई के दौरान वेव ग्रुप के खरीदार यह साबित कर चुके हैं कि उन्होंने समय-समय पर बिल्डर को रुपये जमा कराए हैं. लेकिन ऐसी आशंका है कि इन रुपयों के साथ हेरफेर किया गया है. जिसके चलते घर खरीदारों के उनके फ्लैट नहीं मिल पाए और नोएडा अथॉरिटी को भी उसका पैसा नहीं मिला है. इसी रकम की जांच कराने के लिए एनसीएलटी ने सरकारी एजेंसी को जांच के लिए लिखा है.

यह है एनसीएलटी में गया वेव मेगा सिटी सेंटर का मामला

नोएडा के सेक्टर 25 और 32 में वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ने 2011 में लीजहोल्ड के आधार पर 6.18 लाख वर्गमीटर जमीन का आवंटन नोएडा अथॉरिटी से कराया था. उस वक्त करीब 1.07 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से 6,622 करोड़ रुपये में यह जमीन ली गई थी. दिसंबर 2016 में खरीदारों को समय पर फ्लैट और दुकान की डिलीवरी देने और किस्तों पर बकाया रकम वसूलने के लिए नोएडा अथॉरिटी प्रोजेक्ट सैटलमेंट पॉलिसी (पीएसपी) लेकर आई थी. पीएसपी के तहत अथॉरिटी ने डब्ल्यूएमसीसी की 4.5 लाख वर्गमीटर जमीन वापस ले ली. 10 मार्च 2021 को नोएडा अथॉरिटी ने 1.08 लाख वर्ग मीटर अधिग्रहण जमीन के आवंटन को निरस्त कर दिया गया और साथ में दो टावरों को भी सील कर दिया.

Tags: Land Dispute, Noida Authority, Own flat



Source link