टेंट सिटी
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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गंगा उस पार रेत पर बसाई गई टेंट सिटी के जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए सात सदस्यीय समिति भी गठित कर दी है। यह समिति दो महीने में जांच करके रिपोर्ट देगी। इससे पहले स्थलीय निरीक्षण होगा, जो एक सप्ताह के अंदर पूरा किया जाना है। मामले की अगली सुनवाई 26 मई को होगी।
एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष शुक्रवार को मामले की ऑनलाइन सुनवाई हुई थी। न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व पर्यावरण विशेषज्ञ सदस्य डाॅ. ए सेंथिल वेल ने याचिकाकर्ता तुषार गोस्वामी की याचिका पर सुनवाई की और जांच का आदेश शनिवार को पोर्टल पर अपलोड कर दिया।
याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी बात रखी और कहा कि टेंट सिटी को गंगा उस पार रेती पर बसाया गया है। इससे नदी व उसके आसपास मौजूद जंतुओं, पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर खतरा है। बिना शोधित कचरा सीधे गंगा में गिराया जा रहा है। 17 मार्च 2020 को कछुआ सेंचुरी को जिलाधिकारी ने निरस्त कर दिया। वहां मौजूद कछुओं का संरक्षण समाप्त कर दिया, जिससे कि टेंट सिटी जैसे प्रोजेक्ट को गंगा नदी के किनारे स्थापित किया जा सके। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि अगर याचिकाकर्ता के आरोप सही हैं तो पर्यावरणीय नियमों का गंभीर उल्लंघन है।