Varanasi News: वाराणसी में 400 जर्जर भवन दे रहे हादसे को दावत! नगर निगम ने उठाया ये कदम


हाइलाइट्स

वाराणसी शहर में 400 जर्जर भवन मौजूद हैं.
वाराणसी शहर के कोतवाली जोन में सबसे ज्‍यादा 187 जर्जर भवन हैं.

रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल

वाराणसी. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बारिश के दौरान जर्जर मकान गिरने से बड़ा हादसा हुआ था. इस दर्दनाक हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी. यह हादसा 16 सितंबर को हुआ था, लेकिन ऐसे ही हादसे को हर दिन वाराणसी के 400 जर्जर भवन दावत दे रहे हैं. दरअसल शहर के नगर निगम (Varanasi Nagar Nigam) क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में ऐसे जर्जर भवन हैं जो किसी भी वक्त गिर सकते हैं. हालांकि इन सभी भवन मालिकों को नगर निगम की ओर से नोटिस भी जारी किया गया है.वहीं, इन भवनों को ध्वस्त करने में नगर निगम के सामने कई कानूनी अड़चने भी हैं जिनकी वजह से ये भवन बारिश के दिनों में हर रोज बड़े हादसे दावत को न्योता दे रहे हैं.

नगर निगम के पांच जोन में सबसे ज्यादा जर्जर भवन कोतवाली जोन में है. नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक, कोतवाली जोन में 187, दशाश्वमेध जोन में 142, वरुणापार जोन में 40, भेलूपुर जोन में 13 और आदमपुर जोन में 18 जर्जर भवन हैं. नगर निगम की ओर से इन सभी भवन पर नोटिस चस्पा किया जा चुका है. वाराणसी के अपर नगर आयुक्त राजीव राय ने बताया कि जर्जर भवन को चिन्हित कर हमारे जोनल अधिकारियों के माध्यम से उन्हें गिराने का नोटिस दिया जाता है.

तो इंजीनियरिंग विभाग द्वारा होता है ध्वस्तीकरण
ऐसे जर्जर भवन में कई बार ऐसा होता है कि मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद होता है. ऐसे में नगर निगम दोनों को नोटिस जारी कर मकान खाली करने और उसे ध्वस्त कराने का आदेश देता है. कई बार ऐसा होता है उसके बाद भी भवन नहीं गिराए जाते हैं, तो इंजीनियरिंग विभाग द्वारा उसका ध्वस्तीकरण कराया जाता है.

ये हैं कानूनी अड़चनें
इससे इतर कई बार ऐसे विवाद न्यायलय तक भी पहुंच जाते हैं. ऐसे जर्जर मकानों को गिराने में कानूनी अड़चनें भी आती हैं. ऐसे में कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ऐसे भवनों के ध्वस्तीकरण का काम करता है, तब तक हादसा न हो इसके लिए दोनों पक्ष को घर खाली करने के निर्देश दिया जाता है.

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