अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: ‘पुलिस हर वक्त टॉर्चर कर रही है…बेवजह नाविकों को मार रही है…एक नाव हादसे का शिकार हो गई तो क्या सब नाविक जिम्मेदार हैं’ ये आरोप है भोले की नगरी काशी (Kashi) में गंगा की लहरों में सैर कराने वाले गंगा पुत्र नाविकों का, जो वो वाराणसी पुलिस (Varanasi Police) पर लगा रहे हैं.इसी पुलिसिया उत्पीड़न के बाद नाविकों ने गुरुवार को पूरे दिन नाव का संचालन ठप रखा.नाविकों की इस हड़ताल के कारण वाराणसी में आए पर्यटक भी परेशान दिखे लेकिन नाविकों के गुस्से के आगे उनकी काशी के घाटों को देखने की हसरत अधूरी ही रह गई.
वाराणसी के 84 घाटों पर नाव का संचालन बंद रहा, नाविक हड़ताल पर रहे. इस दौरान दशाश्वमेध घाट पर नाविकों ने एकजुट होकर विरोध भी किया. पूरे दिन नाव में अटखेलियां करने वाली नाव की पतवार गुरुवार को शांत रही. अस्सी घाट पर नाव चलाने वाले नाविक राम दिनेश ने बताया कि हाल में हुए नाव हादसे के बाद जल पुलिस लगातार नाविकों का उत्पीड़न कर रही है. उन्हें सताया जा रहा है और उन्हें मारा भी जा रहा है.वो प्रशासन के सभी बनाए नियमों का पालन करने को तैयार हैं फिर भी बेवजह उनका उत्पीड़न हो रहा है.
नाव हादसे के बाद पुलिस ने की थी सख्ती
कुछ ऐसा ही दर्द दीपक सहानी का भी है. दीपक ने बताया कि यदि नाव पर बैठा एक शख्स भी बिना लाइफ जैकेट के है तो पुलिस नाविकों को ही मार रही है.दरअसल,वाराणसी में पिछले दिनों नाव में छेद होने के कारण एक नाव हादसे का शिकार हो गई थी. इस नाव में दक्षिण भारत के 34 यात्री सवार थे. शुक्र रहा कि सभी को सुरक्षित बचाया लिया गया था. इसी हादसे के बाद पीएमओ ने मामले का संज्ञान लिया तो स्थानीय असफर भी जागे. बैठक कर अफसरों ने सख्ती दिखाई तो नाविक नाराज हो गए और नाव का संचालन रोक हड़ताल पर चले गए.
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FIRST PUBLISHED : December 02, 2022, 15:40 IST