Varanasi News: काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मुद्दे पर रार !सन्त समिति ने कह दी अब ये बड़ी बात


रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल,वाराणसी

वाराणसी: काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले से जुड़े श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन मामले में वाराणसी सिविल कोर्ट ने अधिवक्ता कमीशन के जरिए वीडियोग्राफी कराने का आदेश दिया है.कोर्ट के इस आदेश पर मस्जिद कमेटी के विरोध के बाद अब सन्त भी इस मामले में मुखर दिख रहे हैं.अखिल भारतीय सन्त समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के विरोध पर आपत्ति जताई है.

मीडिया से बातचीत में स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि कोर्ट के आदेश का विरोध कर मुस्लिम पक्षकार आखिर क्या छुपाना चाहते हैं.उन्होंने आगे कहा कि ज्ञानवापी में आखिर क्यों गैर मुस्लिम के लोग प्रवेश नहीं कर सकते हैं.आजादी से पहले भी कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी का सर्वे हुआ था.इसलिए इस मामले में विरोध का कोई औचित्य नहीं है.श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसका पालन होना चाहिए.

ये है पूरा मामला
बताते चलें कि वाराणसी सिविल कोर्ट ने इस मामले में पहले 18 अप्रैल को वीडियोग्राफी कराने का आदेश दिया था.लेकिन जिला प्रशासन की एक आपत्ति के बाद इस कार्यवाही को रोक दिया गया.फिर इसके बाद अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सिविल कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.लेकिन हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की इस याचिका को खारिज कर दिया.

जिसके बाद 26 अप्रैल को वाराणसी सिविल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई और कोर्ट ने अधिवक्ता कमीशन के जरिए श्रृंगार गौरी और उस परिक्षेत्र में स्थित दूसरे देव विग्रहों कीवीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराने का आदेश दिया था.6 मई को दोपहर 3 बजे कड़ी सुरक्षा इंतजाम के बीच ये कार्यवाही होनी है और 10 मई को इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी है.बताते चलें कि ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी और दूसरे देव विग्रह के नियमित दर्शन पूजन की मांग को लेकर पांच महिलाओं ने इस मामले में अगस्त 2021 में वाराणसी के सिविल कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया है.



Source link