उत्तर प्रदेश में 15 साल से नौकरी कर रहे 10 जेलकर्मी बर्खास्त, अब होगी रिकवरी


लखनऊ. योगी सरकार (Yogi government) में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत प्रशासन की ओर से सोमवार को बड़ी कार्रवाई की गयी है. राजधानी लखनऊ (Lucknow) के 10 बंदी रक्षक बर्खास्त किए गए है. बताया जा रहा है कि सभी बर्खास्त किए गए बंदी रक्षक 2007 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भर्ती हुए थे. लखनऊ के वरिष्ठ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने 10 बंदी रक्षक बर्खास्त किए हैं. इससे पहले 8 बंदी रक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है.

बर्खास्त किए गए सभी जेल कर्मियों के नौकरी के पहले ही दिन से उनकी सेवाएं शून्य मानी जाएगी और सेवाकाल के दौरान लिए गए वेतन व भत्तों की वसूली की जाएगी. जिला जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि विजिलेंस की रिपोर्ट के बाद शासन के निर्देश पर लखनऊ मंडल की विभिन्न जेलों में तैनात इन जेलकर्मियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है. उनसे रिकवरी का आदेश जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही इस भर्ती में जो-जो अधिकारी शामिल थे उन पर भी जल्दी ही कार्रवाई होगी.

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बता दें कि 18 जेलकर्मियों ने साल 2007 में खेलकूद व होमगार्ड समेत अन्य फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी. इनकी भर्ती केंद्रीय कारागार आगरा के तत्कालीन वरिष्ठ जेल अधीक्षक अंबरीश गौड़ की अगुवाई में गठित कमेटी ने भर्ती की थी. इस भर्ती पर सवाल उठने लगे तो शासन ने विजिलेंस से इसकी जांच कराई गई थी. विजिलेंस टीम ने शासन को जांच रिपोर्ट भेजकर इन सभी लोगों पर कार्रवाई की सिफारिश की गयी थी.

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