करीब 10 घंटे पुलिस कस्टड़ी में रहने के दौरान कहीं ऐसा नहीं लगा कि यह वही 50 हजारी याकूब कुरैशी है, जिसकी तलाश में पुलिस और एसटीएफ नौ महीने से दबिश दे रही थी। बताया गया कि याकूब और बेटा इमरान कुरैशी ने नौ महीने से एक साथ फरारी काटी। हर जगह पर याकूब की पत्नी संजीदा बेगम, इमरान की पत्नी और उनके बच्चे भी साथ में रहते थे।
दिल्ली हो या मुंबई, उनको वह आलीशान कोठियों में रुके हैं। दोनों की गिरफ्तार करने में पुलिस टीम को करीब 1.30 घंटा लगा। वहीं याकूब को पुलिस ने दवाई भी दिलवाई। मेरठ तक याकूब के साथ उनके समर्थक, रिश्तेदारों आठ गाड़ियों से मेरठ आए।
पुलिस भी बड़ी तहजीब से पिता-पुत्र को खरखौदा थाने लाई, फिर सुबह दस बजे उनको कोर्ट में लेकर पहुंची। इस दौरान सादी वर्दी में पुलिस वाले याकूब की खातिरदारी में लगे रहे। पुलिस वालों के याकूब-इमरान के साथ कई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पुलिस याकूब के रुतबे के सामने नमस्तक दिखाई दे रही है।
मैं याकूब नहीं हूं, मैं तो अय्यूब हूं
शुक्रवार रात करीब 1:00 बजे एसओजी के दो सिपाही कोठी में अंदर घुसे। उनको याकूब कुरैशी दिखाई पड़े। याकूब को सिपाहियों ने रोक लिया। वह बोले, मैं याकूब नहीं हूं… मैं तो अय्यूब हूं। यह कहकर याकूब अपने कमरे में चले गए। कोठी में उनके एशोआराम देखकर पुलिस दंग रह गई। सिपाहियों ने इमरान का गेट खुलवाया तो वह बोले कि क्या आप वाई-फाई ठीक करने आए हो। सिपाही बोले, नहीं मेरठ से आए है और पुलिस वाले हैं। यह कहते ही इमरान ने कहा कि हम तो सर्दी के बाद खुद सरेंडर होने जा रहे थे।
वहीं इमरान के यह कहते ही पुलिस वाले बोले, चलो और मंत्रीजी को भी साथ ले लें। इमरान ने कहा कि मंत्री जी यहां नहीं है, सिपाही बोले कि हमसे झूठ मत बोलों, उनको देख लिया है। दोनों में बातचीत का सिलसिला चल रहा था। याकूब ने अंदर से अपने कमरे की कुंडी लगा ली। इमरान की पत्नी व बच्चे चिल्लाने लगे। हल्ला मचा तो कोठी में काम करने वाले नौकर भी पहुंचे।