लखनऊ. उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर अधिकारी सेवा संघ की नई कार्यकारिणी में बड़ा बदलाव सामने आया है. जहां तीन अलग-अलग गुट अधिकारियों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर चुनाव में रिझाने में लगे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ वाणिज्य कर आयुक्त और अपर मुख्य सचिव राज्य कर के बिगड़े तालमेल को लेकर भी फायदा उठाकर अपनी सियासी पारी चमका रहे हैं. वाणिज्य कर अधिकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष रहे कपिल तिवारी जिन पर दर्जनों मोबाइल स्क्वाड में रहने के दौरान भ्रष्टाचार के गंभीर मामले दर्ज हैं.
पूर्व में अपर मुख्य सचिव राज्य कर के खिलाफ कई संघों ने एक साथ मिलकर मोर्चा खोलते हुए शासन की नीतियों का जहां पुरजोर विरोध किया था. उसकी अगुवाई कपिल ने ही की थी, अब वाणिज्य कर मुख्यालय के कैम्प ऑफिस में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी का नाम लेकर व शासन के वरिष्ठ IAS अधिकारियों पर ओछी व अमर्यादित टिप्पणी कर कपिल अपनी सियासत चमकाने में लगे हुए हैं. सचल दल को लेकर तमाम शिगूफे देकर ,लोगो को गुमराह कर कुर्सी को हथियाने में ऐड़ी से छोटी तक जोड़ लगाते हुए कपिल नज़र आ रहे है.
कपिल की करतूत और सस्ती राजनीति!
मामले की हद तो तब हो गई जब कैंप आफिस के अधिकारी को कपिल की करतूत और सस्ती राजनीति के बारे में पता चला तो कैंप कार्यालय से पड़ी फटकार के बाद पूर्व अध्यक्ष कपिल तिवारी आज होने वाली कार्यकारिणी की बैठक से कन्नी काट के बाहर बैठकर के अपने सेट एजेंडा बताते दिखाई दिए. ऐसे में जहां 2 साल पूरे हो जाने के बाद भी अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं, कार्यकारिणी ने तत्काल प्रभाव से अपने अध्यक्ष को 7 सदस्यों की सहमति के साथ हटाते हुए संतोष उपाध्याय को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है.
चर्चाओं में पूर्व अध्यक्ष कपिल तिवारी
राजधानी लखनऊ के मलाईदार पद AC मोबाइल स्क्वाड- 4 में 2019 से तैनात कपिल के खिलाफ तमाम शिकायतें मुख्यालय व शासन में लंबित है. भ्रष्टाचार के ऐसे तमाम गंभीर आरोप है जिस पर मुख्यालय अपनी आंखें मूंदे हुए हैं. हद तो तब हो गई जब कपिल के द्वारा अनावश्यक रूप से एक व्यापारी के ट्रक को 10 दिन तक रोका गया. मामले में जब ACS राज्यकर का हस्ताक्षेप हुआ तब व्यापारी के ट्रक को छोड़ा गया. यह उदाहरण तो महज एक बानगी है, कपिल तिवारी के लिए, ऐसी कारगुजारियों की एक लंबी चौड़ी फेहरिस्त है. सूत्रों के मुताबिक कैंप कार्यालय में तैनात एक अधिकारी के दम पर भ्रष्टाचार करने की कपिल को हिम्मत व ताकत दे रहा है.
एफआईआर दर्ज कराने के आदेश
दरअसल, शनिवार को राज्य कर अधिकारियों ने गाजियाबाद व नोएडा जोन में आयरन व स्टील का कारोबार करने वाली फर्मो पर बड़ी छापेमारी की थी. 43 फर्मो पर 650.63 करोड के टर्नओवर पर 128.24 करोड़ के कर चोरी को लेकर यह छापेमारी की गई है. जिसके लिए दोनों जोन की 23 टीमों को गठित कर छापेमारी को अंजाम दिया गया. 43 फर्मो के 43 लोकेशन पर सर्च, सीजर की करवाई की गई है. जिसमे 128.24 करोड़ का बोगस आईटीसी का लेनदेन किया गया है. साथ ही फर्जी व कूटरचित कागज़ों के सहारे GST रजिस्ट्रेशन करा कर बोगस ITC को लिया गया है. फर्जी E-WAY बिल बनाकर आईटीसी का लाभ भी इन बोगस फर्मो के द्वारा लिया गया है. ऐसे व्यापारियों के खिलाफ अपर आयुक्त वाणिज्य कर अदिति सिंह ने एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए है.
फर्जी बिलिंग से ITC का लिया लाभ?
अधिकारियों की माने तो वास्तविक कारोबार न कर फर्जी बिलिंग से ITC का लाभ लिया गया. आयरन व स्टील जैसे सेंसिटिव गुड्स का कारोबार करने वाले ऐसे व्यापारियों को चिन्हित कर लिया गया है. इन व्यापारियों के विरुद्ध होगी ठोस कार्यवाही के आदेश भी उच्च अधिकारियों के द्वारा दिए गए है. नोएडा, दादरी, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, सिकंदराबाद, खुर्जा में अदिति सिंह, अपर आयुक्त NCR की अगुवाई में बड़ी छापेमारी को अंजाम दिया गया था.
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