सांकेतिक तस्वीर
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उत्तर प्रदेश में गांधी-नेहरू परिवार की मानी जाने वालीं रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीटों को लेकर कई तरह के कयास चल रहे हैं। सोनिया गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी या नहीं? अमेठी पर राहुल क्या फैसला लेंगे? पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारियों की मानें तो ये दोनों सीटें गांधी परिवार अपने पास ही रखेगा।
सोनिया गांधी के न लड़ने पर रायबरेली से प्रियंका भाग्य आजमाएंगी। राहुल गांधी का अमेठी से उतरना भी करीब-करीब तय माना जा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल की हार और कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में सोनिया गांधी के बयान से इन सीटों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
हाल ही में हुए रायपुर अधिवेशन में सोनिया ने कहा था-भारत जोड़ो यात्रा मेरी राजनीतिक पारी का अंतिम पड़ाव हो सकती है। लोकसभा के 1977, 1996 व 1998 के चुनावों को छोड़ दें तो शेष सभी चुनावों में रायबरेली से कांग्रेस ही जीती है।
गांधी-नेहरू परिवार के फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी, अरुण नेहरू व शीला कौल ने कई-कई बार लोकसभा में रायबरेली का प्रतिनिधित्व किया। 2004 से अब तक यहां से सोनिया गांधी ही सांसद हैं। 1977 के बाद यूपी में कांग्रेस अपने सबसे खराब दौर में है, इसके बावजूद रायबरेली की जनता ने 2019 के चुनावों में गांधी परिवार का साथ नहीं छोड़ा।