UP राजकीय निर्माण निगम में करोड़ों का भ्रष्टाचार; इंजीनियर जेएन चक्रवर्ती समेत 6 को मिला आरोप पत्र


हाइलाइट्स

इंजीनियर जेएन चक्रवर्ती समेत छह को दिया गया आरोप पत्र
फैजाबाद में अस्पताल निर्माण में हुए खर्च की जांच में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार की पुष्टि

रिपोर्ट- संकेत मिश्र

लखनऊ. उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (UPRNN) में इकाई प्रभारी जेएन चक्रवर्ती समेत 6 इंजीनियरों के खिलाफ आरोप पत्र दिया गया है. दरअसल जेएन चक्रवर्ती समेत निर्माण निगम के 6 इंजीनियर पर करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप है. जांच में जेएन चक्रवर्ती समेत सभी 6 लोगों पर आरोप साबित हुए जिसके बाद इन सभी के खिलाफ आरोप पत्र दिए गए हैं. हैरानी की बात यह है कि करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने वाले जेएन चक्रवर्ती को हरदोई इकाई का अभी प्रभारी बनाए रखा गया है. जबकि योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस की नीति है. जिसके तहत भ्रष्टाचार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए. लेकिन निर्माण निगम प्रशासन जेएन चक्रवर्ती जैसे इंजीनियरों पर भ्रष्टाचार सिद्ध होने के बावजूद कार्रवाई से कतरा रहा है.

फैजाबाद में 50 बेड के चिकित्सालय निर्माण में इकाई प्रभारी जैन चक्रवर्ती एसके तायल एचपी भट्ट एके विश्वास कमलेश कुमार मोहम्मद आरिफ की मिलीभगत से निर्माण कार्य निर्माण कार्य में अधिक व्यय और सैंडीडेटर्स किया गया. इस प्रोजेक्ट के निर्माण में गलत तरह से भुगतान और कई लागत से ज्यादा का खर्च समेत करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा इंजीनियरों की तरफ से किया गया. इसमें इकाई प्रभारी जेएन चक्रवर्ती की भूमिका के बिना यह सब संभव ही नहीं था. यही वजह है कि जांच टीम ने जैन चक्रवर्ती के खिलाफ भी करोड़ों पर भ्रष्टाचार का आरोप पत्र दिया है.

इस आरोप पत्र के मिलने के बाद भी निर्माण निगम के उच्च स्तर के अफसरों के द्वारा जे एन चक्रवर्ती को हरदोई इकाई का प्रभारी बनाया गया है. इस इकाई में भी करोड़ों रुपए के कामकाज हैं. ऐसे में भ्रष्टाचार का आरोप सिद्ध होने वाले इंजीनियर के जिम्मे एक बार फिर हरदोई इकाई का जिम्मा देना यह साबित करता है कि निर्माण निगम में भ्रष्टाचार बिना उच्च स्तर के अफसरों की सह से संभव नहीं है.

दागी इंजीनियरों ने दबवा दी फाइल
करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने वाले इंजीनियरों के रसूख का आलम यह है कि दागी इंजीनियरों ने अपनी जांच की फाइल ही दबवा दी, यही वज़ह है कि करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार सिद्ध होने के बावजूद भी अभी तक छह इंजीनियरों में से किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जबकि इन इंजीनियरों ने सरकार के करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार कर दिया. तत्कालीन इकाई प्रभारी जेएन चक्रवर्ती, अपर परियोजना प्रबंधक एसके तायल, एचपी भट्ट, एसके विश्वास, कमलेश कुमार और मोहम्मद आसिफ के खिलाफ आरोप पत्र दिया गया है. इसमें मुख्य जिम्मेदारी जेएन चक्रवर्ती की ईकाई प्रभारी होने के नाते थी.

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