


यूपी की आरटीआई कार्यकर्ता को शोकॉज. (सांकेतिक तस्वीर)
उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त जस्टिस संजय मिश्रा ने आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा को द्वेषपूर्ण सूचना मांगे जाने का दोषी माना है. इसको लेकर उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. नोटिस के साथ उनकी सूचना के लिए जमा कराई गई जमानत राशि को भी जब्त करने का आदेश दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 29, 2021, 10:17 PM IST
आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने पूर्व राज्य सूचना आयुक्त अरविंद शर्मा के खिलाफ शिकायत की थी. इस पर लोकायुक्त ने शिकायत को द्वेष भावना से प्रेरित मानते हुए उर्वशी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. नोटिस में इसके जवाब के लिए 22 फरवरी तक का समय दिया है.
लोकायुक्त जस्टिस संजय मिश्रा ने आरटीआई एक्टिविस्ट को जारी किए गए नोटिस में लिखा है कि क्यों न उर्वशी के खिलाफ लोकायुक्त एक्ट की धारा 13 के तहत कार्रवाई की जाए ?
धारा 13 के तहत झूठी शिकायत पर तीन साल तक सला और जुर्माने का प्रावधान है.बताते चलें कि खुद को आरटीआई एक्टिविस्ट बताते हुए 31 दिसंबर 2018 को उर्वशी ने अरविंद सिंह बिष्ट के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की थी. शिकायत में उर्वशी ने बगैर हलफनामे के कई जानकारियां दी थीं. जो जानकारियां दी गईं उनकी जांच कराई गई. जांच के दौरान वह गलत पाई गईं. इसी के चलते उर्वशी शर्मा के खिलाफ यूपी के लोकायुक्त जस्टिस संजय मिश्रा ने न सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी किया बल्कि उनकी सिक्योरिटी मनी को जब्त करने का भी आदेश दिया.
उर्वशी शर्मा की शिकायत को जांच और विश्लेषण के बाद खारिज कर दिया है. उर्वशी को नोटिस का जवाब 22 फरवरी तक देना होगा. माना जा रहा है कि जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर उनके खिलाफ धारा 13 के अंतर्गत झूठी शिकायत करने का मामला भी दर्ज हो सकता है. इसमें सजा और जुर्माना दोनों का ही प्रावधान है.
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