Unique Marriage: DJ की धुन पर भांगड़ा और हेरिटेज कार की सवारी, दूल्हे के घर बारात लेकर पहुंची दुल्हन


हाइलाइट्स

UP में ये अनोखी शादी संत कबीर नगर जिले में हुुई
शादी करने वाली दुल्हन बी-टेक कर चुकी है
दुल्हन और उसके माता-पिता ने बारात निकालने की वजह भी बताई

संत कबीर नगर. पूरे देश में इन दिनों शादी का सीजन है लेकिन बदलते वक्त के साथ शादियों के तौर-तरीके भी बदलते नजर आ रहे हैं. कुछ ऐसी ही शादी यूपी के संत कबीर नगर में दिखी जहां दूल्हे को लेने दुल्हन पहुंची वो भी बारात लेकर. बेटी ने अपने पिता और मां के अरमान को पूरा करने के लिए बेटा न रहने की उनकी ख्वाहिश को बेटे की बरात की तरह अपनी बारात निकाल कर पूरा किया. बेटी ने अपने माता-पिता के लिये इस शादी को यादगार बना दिया.

यह शादी खलीलाबाद शहर के बरदहिया बाजार में हुई. सोशल मीडिया पर वायरल ये वीडियो और शादी खूब चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसमें दूल्हे की जगह दुल्हन कार पर चढ़कर बारात निकालती हुई नजर आ रही है और फिल्मी गानों पर दुल्हन खूब डांस करती नजर आ रही है. शहर में जुबली बैण्‍ड की धुनों पर महिलाओं की टोलियों में तो खुशी का ठिकाना ही नहीं था. दुल्हन की मां सुभद्रा ने बताया कि मेरी बेटी किसी बेटे से कम नहीं है, मुझे बेटा न होने की कमी मेरी बेटी ने कभी नहीं होने दिया. चुकि मेरी बेटी ही मेरा बेटा है, इसलिए धूमधाम से बैंड बाजा के साथ अपनी बेटी की बारात निकाली है.

दुल्हन की मां ने कहा कि आज के जमाने में बेटी और बेटे में कोई फर्क नहीं है, दोनों को समान हक है, आज बेटियां हर मामले में आगे बढ़ रही हैं. जिला मुख्‍यालय के बगल में स्थित कटबंध गांव के मूल निवासी और बरदहिया मुहल्‍ले में रहने वाले अखिलेश सिंह भारतीय जीवन बीमा निगम में सलाहकार हैं, वहीं उनकी पत्‍नी सुभद्रा सिंह परिषदीय विद्यालय में प्रधानाध्‍यापिका हैं. उनकी केवल दो पुत्रियां हैं. बड़ी बेटी पूजा सिंह एमबीए करके हैदराबाद में अमेजान कम्‍पनी में नार्थ अमेरिका प्रखण्‍ड का ट्रांसपोर्टेशन का काम देखती है, वहीं छोटी बेटी प्रज्ञा सिंह कम्‍प्‍यूटर साइंस से बीटेक कर चुकी हैं.

अखिलेश और सुभद्रा को इस बात का मलाल था कि उनका भी एक बेटा होता तो वह भी उसकी बारात निकालते. उनके इस मंतव्‍य को बेटी पूजा ने पूरा कर दिखाया. पूजा की शादी गोरखपुर के पादरीबाजार निवासी अभियन्‍ता भानु प्रताप सिंह के साथ तय हुई. पिता अखिलेश ने जब अपने होने वाले समधी और दामाद को अपनी इच्‍छा बताई तो वह सहर्ष राजी हो गए. नतीजा यह हुआ कि दुल्हन के पिता ने महिलाओं को समानता के अधिकार का संदेश देते हुए उन्होंने बेटी पूजा की शादी के मौके पर बेटों की तरह उसकी  बारात निकाली.
बारात निकालने वाली दुल्हन पूजा ने कहा कि मेरा कोई भाई नहीं है. हम दो बहने हैं. मेरे माता-पिता ने हम लोगों के लालन-पालन में कोई कसर नहीं छोड़ी. माता और पिता जी के अन्‍दर हमेशा इस बात की टीस रहती थी कि उनका भी कोई बेटा होता तो वह उसकी बारात निकालते. मेरी भी हालत इससे जुदा नहीं थी इसलिये मैंने पापा से यह इच्‍छा जताई कि आपने मेरी हर इच्‍छा पूरी की है तो आपकी यह इच्‍छा मैं पूरी करुंगी. मैं बहुत खुश हूं. हम चाहते हैं कि कोई भी बेटा-बेटी में फर्क न करे. मैं शहर की भी शुक्रगुजार हूं कि मुझे भरपूर हौसला दिया.



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