ट्विन टॉवर में क‍ितने लोगों ने बुक क‍िया था फ्लैट, रिफंड मिला या नहीं, जानें


नोएडा. आज नोएडा में बनी सुपरटेक ट्विन टावरों को ध्‍वस्‍त कर दिया जाएगा. आसपास की सभी सोसायटीज को खाली करा लिया गया है. दोपहर ढ़ाई बजे विस्‍फोट से टावरों को ढहाने की कार्रवाई के लिए तैयारियां पूरी की जा रही हैं. ट्विन टावरों के ढहने को लेकर जहां आसपास की सोसायटी वाले इंतजार कर रहे हैं वहीं इन टावरों में फ्लैट बुक करने वाले लोगों को चिंता सता रही है. इसकी बड़ी वजह यह है क‍ि इन टावरों में फ्लैट बुक करने वाले खरीदारों को अभी तक पूरा पैसा वापस नहीं मिला है.

जानकारी के मुताबिक सुपरटेक की ट्विन टॉवरों में 711 लोगों ने फ्लैट के लिए निवेश क‍िया था. हालांक‍ि कोर्ट की ओर से लगातार आदेश और निगरानी के बावजूद अभी तक कुछ होम बायर्स को फ्लैट के लिए जमा क‍िए गए पैसे का रिफंड नहीं मिला है. लिहाजा इन इमारतों के गिरने के बाद क‍ितने दिन में इन लोगों को अपना पैसा वापस मिलेगा, इसे लेकर चिंता बनी हुई है. हालांक‍ि दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में निवेशकों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से आदेश दिया है साथ ही इनके रिफंड के लिए भुगतान की समय सीमा भी तय कर दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 30 सितंबर तक 1 करोड़ रुपये जमा करना होगा ताकि जो निवेशक हैं उनको भुगतान किया जा सके. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि निवेशकों को उनका बकाया पैसा ब्याज सहित मिलेगा. मामले की सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी ने कोर्ट से कहा कि बेहतर है कि घर खरीदारों को हर महीने कुछ पैसा मिले. इसके साथ ही ये भी देखा जाए कि ऐसी कौन सी संपत्ति हैं, जिन्हें बेचा जा सकता है, ताकि घर खरीदारों को भुगतान किया जा सके. वही याचिकाकर्ता की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि खरीदारों का कुल 5.15 करोड़ रुपया लंबित है. इस मामले में सुपरटेक के अधिकारियों के साथ बातचीत हुई है. कोर्ट अक्टूबर में इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

फ्लैट खरीदारों की ओर से मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट एश्‍वर्य सिन्‍हा का कहना है, जहां तक मेरी जानकारी में है अभी तक सुपरटेक की ओर से किसी भी निवेशक को 100 फीसदी रिफंड नहीं मिला है. फ्लैट खरीदारों को प्रो राटा के आधार पर पैसे वापस किए जा रहे हैं. फ्लैट बायर्स को पैसे देने के लिए एक मैकेनिज्‍म तैयार किया गया है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से 31 मार्च 2022 निवेशकों को रिफंड देने के आदेश दिए गए थे लेकिन 25 मार्च को सुपरटेक के दिवालिया घोषित होने तक सभी को रिफंड नहीं मिल सका. इस दौरान कुछ लोगों को सुपरटेक की ओर से सस्‍ती और महंगी प्रॉपर्टी भी दी गईं और उसके एवज में निवेशकों से पैसे का आदान-प्रदान भी किया गया था.

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