तानाशाह बन गए हैं बाराबंकी के कलेक्टर, BJP के पूर्व विधायक शरद कुमार अवस्थी ने क्यों लगाया आरोप?


हाइलाइट्स

कहा, BDO का इस्तीफा DM डॉक्टर आदर्श सिंह के उत्पीड़न की पराकाष्ठा है.
सवर्णों के प्रति गलत भावना रखने का लगाया आरोप.

बाराबंकी. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में ब्लॉक रामनगर के बीडीओ अमित त्रिपाठी के इस्तीफे मामले में भाजपा के पूर्व विधायक शरद कुमार अवस्थी ने बड़ा खुलासा किया है. रामनगर विधानसभा सीट से भाजपा के पूर्व विधायक शरद कुमार अवस्थी ने आरोप लगाया है कि बीडीओ का इस्तीफा जिला अधिकारी बाराबंकी डॉक्टर आदर्श सिंह के उत्पीड़न की पराकाष्ठा है. उन्होंने कहा कि 6 महीने पहले जब बीडीओ रामनगर अमित त्रिपाठी ने चार्ज संभाला था, तब ब्लॉक रामनगर 13 नंबर पर था लेकिन अमित त्रिपाठी ने अपनी मेहनत से उसे 3 नंबर पर पहुंचाया. इसके बाद भी केवल उत्पीड़न करने की वजह से डीएम ने बीडीओ का वहां से ट्रांसफर कर दिया.

पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी के मन में सवर्णों के प्रति गलत और उत्पीड़न की भावना है. जो काफी निंदनीय है. उधर, पूर्व विधायक का ऐसा बयान और सीएम योगी व डीप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को दिया शिकायती पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

डॉ. आदर्श सिंह के व्यवहार पर जताई आपत्ति

शरद कुमार अवस्थी के अनुसार, जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह का व्यवहार जनता, पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रति काफी खराब है. गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में डीएम अपने प्रशासनिक तंत्र का गलत इस्तेमाल करके हमारे जैसे कार्यकर्ता को हराने का काम किया है. उन्होंने कहा, रामनगर विधानसभा में जो भी अधिकारी मात्र 6 महीने पहले ही आए थे, उसमें तीनों बीडीओ भी शामिल थे. उन सभी को हटाने का काम डीएम ने किया है. फिर जब सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने रामनगर बीडीओ अमित त्रिपाठी का तबादला निरस्त करने के लिए कहा तो उन्होंने उसे वापस किया और उनका ट्रांसफर निरस्त किया. उसके बाद ही डीएम बीडीओ से चिढ़ गए और प्रताड़ित करने लगे.

डिप्टी सीएम को नहीं दिया कोई जवाब

पूर्व विधायक शरद कुमार अवस्थी के अनुसार, इस कार्रवाई से नाराज विधानसभा रामनगर के प्रधान संघ और सभी ब्लॉक प्रमुखों ने मेरे साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या से मुलाकात की. उन्हें पत्र के माध्यम से डीएम डॉक्टर आदर्श सिंह की शिकायत की थी. जिसके बाद केशव प्रसाद मौर्या ने इन बीडीओ को हटाने का कारण डीएम से पूछा और साथ ही सभी को उनकी पुरानी तैनाती पर वापस करने के लिए कहा. लेकिन डीएम ने न तो डीप्टी सीएम को कोई कारण बताया और न ही उनकी बात ही मानी. जिला अधिकारी, बाराबंकी पूरी तरह से तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं.

लोगों को धमकी देते हैं डीएम

शरद कुमार अवस्थी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करते हुए कहा कि इन तमाम प्रकरणों की तुरंत जांच कराई जाए. साथ ही ऐसा भ्रष्ट अधिकारी जो 3 साल से ज्यादा तक जिले में जमा हुआ है, उसे तुरंत हटाया जाए. शरद कुमार अवस्थी ने कहा कि डीएम लोगों को धमकी देते हैं कि जब तक मुख्यमंत्री के यहां प्रमुख सचिव के रूप में एसपी गोयल बैठे हैं, तब तक उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. डीएम का रवैया पूरे जनपद के लिए काफी गलत और निंदनीय है.

पूर्व विधायक का कहना है कि जिला अधिकारी बाराबंकी ना तो मंत्री और भाजपा सांसद की बात सुनते हैं और न ही पार्टी के कार्यकर्ताओं की. ऐसे अधिकारियों को जिले में क्यों रखा जाए?

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