STF arrested 3 racketeer of MBBS admission gang


नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की एसटीएफ (STF) की टीम ने एक ऐसे गिरोह के लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया है, जो एमबीबीएस (MBBS) और मेडिकल पीजी में दाखिला (admission) दिलाने के नाम पर ठगी (racketeering) करता था. टीम का दावा है कि इस गिरोह ने अब तक 15 करोड़ रुपये की ठगी की है. इस गिरोह के मुख्य सरगना सहित तीनों अभियुक्तों को एसटीएफ ने शुक्रवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम सौरभ गुप्ता, डॉ. अजिताभ मिश्रा और विकास सोनी हैं. एसटीएफ के मुताबिक, इनके कब्जे से नीट परीक्षा देने वाले लगभग 26 लाख छात्रों के अनधिकृत डेटा बरामद किए गए हैं.

ये चीजें की गईं जब्त

इनके कब्जे से 3 लैपटॉप, कई मोबाइल फोन, 2 हार्ड डिस्क, रुपये गिनने की मशीन, कम्प्यूटर और प्रिंटर बरामद किए गए हैं. इसके अलावा एक डायरी भी जब्त की गई है, जिसमें छात्रों से की गई ठगी का हिसाब रखा जाता था.

लगातार मिल रही थीं सूचनाएंउत्तर प्रदेश की एसटीएफ के मुताबिक, काफी समय से ठगी करने वाले गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं. राइज ग्रुप प्रा. लि. के डायरेक्टर सौरभ गुप्ता ने लखनऊ में ऑफिस खोला था. कुछ मेडिकल कॉलेजों के स्टाफ की मिलीभगत से एमबीबीएस और मेडिकल पीजी में दाखिला दिलाने का वह लालच दिया करता था. इस तरह उसने करोड़ों रुपयों की ठगी की और फिर इस ऑफिस को बंदकर नया ऑफिस लखनऊ के गोमतीनगर में खोल लिया. यहां भी इसने इसी तरह ठगी को अंजाम दिया.

ऐसे करते थे ठगी

नीट परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्रों का डेटा अनधिकृत रूप से प्राप्त कर ये लोग कैंडिटेट को अपने ऑफिस में बुलाते थे. यहां पर अपनी कंपनी के जनरल मैनेजर के साथ मिलकर एमबीबीएस और मेडिकल पीजी में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों/उनके परिजनों से धोखे से लोन एग्रीमेंट साइन करा लिया जाता था और सर्विस चार्ज के नाम पर एक छात्र से 5 से 6 लाख रुपये ऐंठ लिए जाते थे. इसके बाद छात्रों को काउंसिलिंग कराने के लिए कॉलेज में ले जाया जाता था. इस काम में कॉलेज के कुछ स्टाफ मददगार होते थे. फिर यहां भी छात्रों के परिजन से रुपयों की ठगी की जाती थी.

धमकाकर पीड़ितों का मुंह बंद करवाता था गैंग

ऐसे ही फंसे हुए कुछ छात्रों का जब दाखिला नहीं हुआ, तो उन्हें ठगी का शक हुआ. उन्होंने जब पैसे वापस मांगे तो इस गैंग ने छात्रों को भविष्य खराब करने की धमकी देकर उनका मुहं बंद करवा दिया. एसटीएफ के मुताबिक, इस गिरोह का जाल दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में फैला हुआ था. एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश के मुताबिक, मामले की जांच जारी है.



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