ससुर ने बहू के साथ किया कुछ ऐसा, जिसे सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान, समाज मे होने लगी चर्चा

जयपुर। राजस्थान के सीकर जिले के रामगढ़ शेखावाटी इलाके के गांव ढांढण के बांगड़वा परिवार ने शानदार मिसाल पेश की है। इस परिवार ने विधवा बहू को पढ़ाया और फिर बेटी मानकर उसकी दूसरी जगह कैग ऑडिटर से शादी की है। हुआ यूं कि गांव ढांढण निवासी शिक्षिका कमला देवी व ओमप्रकाश बांगड़वा के बेटे शुभम की शादी साल 2016 में गांव ताजसर निवासी सहीराम सिनसिनवार की बेटी सुनीता से हुई थी।शादी के बाद शुभम एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए रूस चला गया। शादी को छह माह ही हुए थे कि रूस में ब्रेन ट्यूमर से शुभम की मौत हो गई।
जवान बेटे की मौत से कमला देवी व ओमप्रकाश बांगड़वा टूट चुके थे, मगर उन्होंने विधवा बहू को बेटी माना और उसे पढ़ाने का फैसला किया। पति की मौत के बाद सुनीता भी अपने ससुराल ही रही। कमला व ओमप्रकाश शुभम समेत दो बेटे हैं। बेटी नहीं है। बेटे की मौत के बाद उन्होंने बहू सुनीता को ही बेटी मान लिया। उसे एमए व बीएड करवाया। कई प्रतियोगी परीक्षाएं दिलवाई।
सुनीता का साल 2021 में शिक्षा विभाग में इतिहास के व्याख्याता पद पर चयन हुआ। वर्तमान में सुनीता राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नैनासर सुमेरिया सरदारशहर जिला चूरू में पोस्टेड है। इस बीच सास-ससुर ने सुनीता का सीकर जिले के गांव चंद्रपुरा निवासी मुकेश मावलिया के साथ रिश्ता तय कर दिया। मुकेश कैग ऑडिटर भोपाल के पद पर कार्यरत है। सुनीता और मुकेश की 22 जनवरी को शादी हुई। शुभम के भाई रजत ने बताया कि सास-ससुर सुनीता को बहू बनाकर अपने घर लाए थे, मगर बेटे की मौत के बाद उसे बेटी माना और शादी करके उसे विदा किया। ससुर ने उसका कन्यादान किया तो हर किसी की आंखें भर आई।