मेरठ. समाजवादी पार्टी में आजकल सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. एक तरफ रामपुर के सपा विधायक आजम खान के समर्थक अखिलेश यादव के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ शिवपाल यादव भी उन्हें खुली चुनौती देते नजर आ रहे हैं. इस बीच नेताओं का सपा को अलविदा कहने का सिलसिला भी जारी है. ताजा मामला पूर्व एमएलसी और वरिष्ठ नेता हरपाल सैनी का है. उन्होंने मेरठ में सपा को छोड़ने का ऐलान कर दिया.
सपा छोड़ने के बाद मीडिया से बात करते हुए हरपाल सैनी ने सपा मुखिया को अहंकारी नेता बताया है. इसके साथ उन्होंने यहां तक कह दिया कि समाजवादी पार्टी में जाना उनका गलत निर्णय था. बता दें कि कई पार्टियों में रह चुके हरपाल सैनी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा का दामन थामा था. इस बीच सपा छोड़ने के बाद अब उनको मौर्य की सांप नेवले वाली भाषा भी खराब लग रही है. उन्होंने कहा कि वो अपना अगला निर्णय कुछ दिनों बाद बताएंगे कि कहां जा रहे हैं. वैसे सैनी ने भाजपा राष्ट्रवादी और हिंदुत्ववादी पार्टी जरूर करार दिया है. गौरतलब है कि हरपाल सैनी वेस्ट यूपी के कद्दावार नेता माने जाते हैं. जबकि वह कई राजनीतिक पार्टियों में रह चुके हैं.
सरधना में सपा को जीत दिलाई लेकिन…
हरपाल सैनी ने मेरठ में शास्त्री नगर स्थित अपने आवास पर मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के लिए जी जान लगाई और सरधना सीट पर जीत भी दिलाई. उन्होंने कहा कि वो 35 साल से पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति में लगातार सक्रिय हैं. सदन में विधान परिषद में दल का नेता रहे थे. विभिन्न समितियों के सभापति रहने का भी सौभाग्य भी उन्हें मिला है. सैनी ने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले उन्होंने भाजपा को छोड़कर गलती की. उन्होंने कहा कि सरधना विधानसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने मुझे जिम्मेदारी दी थी. मैंने अति पिछड़ों के हजारों लोगों की रैली कर सरधना से सपा का विधायक बनवाया, लेकिन अब मुझे लग रहा है कि समाजवादी पार्टी सम्मानीय कार्यकर्ताओं की पार्टी नहीं है. यह केवल चापलूसों और दागियों की पार्टी है, इसलिए उनका इस पार्टी से मोहभंग हो गया है.
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