कानपुर: सोशल मीडिया पर टिप्पणी करना एक दरोगा को इस कदर महंगा पड़ा कि उसे सरकार की ओर से जबरन रिटायर कर दिया गया. दरअसल, सरकार ने ऐसे पुलिसकर्मियों को रिटायर करने की एक योजना बनाई है, जो भ्रष्ट हैं, जिन पर अनुशासनहीनता के आरोप हैं या फिर जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है और उनके खिलाफ शिकायतें आ रही हैं. मगर कानपुर के कोतवाली में तैनात दरोगा नागेंद्र सिंह यादव को 50 की उम्र में केवल इसलिए रिटायर किया गया, क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी और उस जांच में वह दोषी पाए गए, जिसके बाद उन्हें जबरन रिटायर कर दिया गया.
नागेंद्र यादव पर आरोप था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सोशल मीडिया के जरिए अशोभनीय टिप्पणी की थी, जिसे लेकर विभागीय जांच चल रही थी और अब जब जांच पूरी हुई तो उन्हें दोषी पाया गया और जबरन रिटायर्ड कर दिया गया. विभागीय रिपोर्ट में बताया गया है कि इस पूरी जांच में उनके नौकरी के रिकॉर्ड में कई बार अफसरों से अभद्रता का भी आरोप है. साथ ही शराब पीकर ड्यूटी करने के मामले में भी वह दोषी पाए गए हैं. इसलिए उन्हें जबरन रिटायर कर दिया गया.
एडिशनल सीपी हेडक्वार्टर आनंद कुलकर्णी ने कमेटी के द्वारा की गई जांच के आधार पर तत्काल रिटायर करने का आदेश दे दिया लेकिन इस पूरे मामले पर दरोगा नागेंद्र सिंह यादव कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं क्योंकि उनकी नौकरी के अभी 10 साल बचे हैं. पुलिस विभाग ने उन्हें रिटायरमेंट के साथ-साथ 3 माह का समय दिया है, जिसमें वह अपने वेतन और अन्य भत्तों का सेटलमेंट कर सकें. उसके बाद दरोगा किसी भी भुगतान का सेटलमेंट नहीं कर सकेंगे.
पुलिस विभाग की जांच कमेटी में यह भी खुलासा हुआ है कि दरोगा नागेंद्र सिंह यादव समाजवादी पार्टी की रैलियों में भी शामिल होने जाते थे और ड्यूटी पर अनुपस्थित होते थे. वह सपा के कार्यक्रमों में भी लगातार वह शामिल होते रहते थे.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Kanpur news, Uttar pradesh news
FIRST PUBLISHED : August 03, 2022, 12:34 IST