जेल से फोटो वायरल होने के बाद रामपुर से बरेली जेल भेजी गईं शबनम.
प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद शबनम को रामपुर जिला जेल से बरेली लाया गया है. जेल से फोटो वायरल होने के बाद यह कार्रवाई की गई है.
जानकारी के अनुसार रामपुर जेल से शबनम की एक तस्वीर वायरल होने के बाद प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर उसे दूसरे जेल में भेजे जाने का निर्णय लिया था. जेल प्रशासन ने शबनम की तस्वीर खींचने और वायरल करने वाले बंदी रक्षकों को सोमवार को निलंबित कर दिया है. तस्वीर वायरल करने के मामले में बंदी रक्षक नाहिद बी और शुएब खान को निलंबित किया गया है. वायरल तस्वीर के बारे में जेल प्रशासन का कहना है कि ये फोटो शबनम की ही है. तस्वीर को 26 जनवरी के दिन खींच लिया गया था.
दूसरी ओर रामपुर जिला कारागार के अधीक्षक पी. ड.ी सलोनिया ने बताया कि रामपुर जिला जेल से शबनम के वायरल तस्वीर के मामले की जांच में दो बंदी रक्षक दोषी पाये गये, जिन्हें निलंबित कर दिया गया है और प्रशासनिक दृष्टिकोण से शबनम को बरेली जिला जेल स्थानांतरित कर दिया गया है. निलंबित बंदी रक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की जा रही है. सलोनिया ने बताया कि शबनम की वायरल तस्वीर रामपुर जेल में ली गई थी.
यह था मामलाउल्लेखनीय है कि अमरोहा जिले में हसनपुर के गांव बावनखेड़ी में प्रेमी सलीम के साथ मिलकर शबनम ने 14-15 अप्रैल, 2008 की रात को माता-पिता, दो भाई, भाभी, फुफेरी बहन व मासूम भतीजे की हत्या कर दी थी. 15 जुलाई 2010 को अमरोहा सत्र अदालत ने सलीम और शबनम को फांसी की सजा सुनाई गई थी. उसके बाद उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय ने ने भी दोनों की सजा को बरकरार रखा था.
राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज
राष्ट्रपति ने भी उनकी दया याचिका खारिज कर दी. उसके बाद दोनों ने फिर से उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की. शीर्ष अदालत ने शबनम की याचिका खारिज करते हुए रामपुर जेल प्रशासन को फांसी का आदेश भेजा था. शबनम के वकील ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष एक नई दया याचिका दायर की है. जेल अधीक्षक ने बताया कि अमरोहा अदालत से शबनम का जो डेथ वारंट मांगा गया था उसका अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.