Sharad Yadav Family Tree:माता-पिता से लेकर बेटा, बेटी और दामाद तक, जानें शरद यादव के परिवार में कौन-कौन? – Sharad Yadav Family Tree: Parents To Son, Daughter And Son-in-law, Know Who Is Who In Sharad Yadav’s Family?


जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने गुरुवार रात फोर्टिस अस्पताल में आखिरी सांस ली। 75 साल के शरद यादव लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। गुरुवार रात सांस लेने में दिक्कत हुई तो परिवार के सदस्यों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। जहां, इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। बेटी सुभाषिनी यादव ने शरद यादव के निधन की सूचना सोशल मीडिया के जरिए दी। 

शरद यादव देश के बड़े समाजवादी नेता रहे। उन्होंने बिहार की राजनीति में एक अलग पहचान बनाई। वह देश के पहले ऐसे नेता बने, जिन्हें तीन अलग-अलग राज्यों से सांसद चुने जाने का मौका मिला। आइए जानते हैं कि शरद यादव के परिवार में कौन-कौन है? 

 

मध्य प्रदेश में जन्मे और बिहार में चमक गए

1947 में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में शरद यादव का जन्म हुआ था। गांव का नाम बबाई है। पिता नंद किशोर यादव किसान थे और मां सुमित्रा यादव गृहिणी। शरद के बड़े भाई रविशंकर यादव थे। नौ अप्रैल 2017 को रविशंकर यादव का निधन हो गया था। 

शरद शुरु से ही पढ़ाई में तेज थे। होशंगाबाद से ही उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई। इसके बाद उन्होंने इटारसी के हायर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। साल 1964 में जबलपुर के साइंस कॉलेज से बीएससी और साल 1970 में कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग जबलपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई में उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला था। शरद इस दौरान राजनीति से प्रभावित हुए थे और उन्होंने न केवल कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव लड़ा और जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज (रॉबर्ट्सन मॉडल साइंस कॉलेज) के छात्र संघ अध्यक्ष भी चुने गए। वे एक कुशल वक्ता भी थे। 

 

डॉ. लोहिया के समाजवादी विचारों से प्रेरित हुए

जब शरद यादव छात्र राजनीति में मशगूल थे तब देश में लोकनायक जय प्रकाश नारायण के लोकतंत्र वाद और डॉ. राम मनोहर लोहिया के समाजवाद की क्रांति की लहरें परवान चढ़ रहीं थीं। शरद यादव भी इनसे खासे प्रभावित हुए। डॉ. लोहिया के समाजवादी विचारों से प्रेरित होकर शरद ने अपने मुख्य राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। युवा नेता के तौर पर सक्रियता से कई आंदोलनों में भाग लिया और आपातकाल के दौरान मीसा बंदी बनकर जेल भी गए।  

 

27 की उम्र में लोकसभा चुनाव जीता, पहली बार संसद पहुंचे

शरद यादव के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1971 से हुई थी। वे कुल सात बार लोकसभा सांसद रहे जबकि तीन बार राज्यसभा सदस्य चुने गए। वे 27 साल की उम्र में पहली बार 1974 में मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। शरद बाद में उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट और बिहार की मधेपुरा लोकसभा सीट से भी सांसद चुने गए। 

कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद दास को हराकर चर्चा में आए 

शरद यादव का नाम राष्ट्रीय स्तर पर तब चर्चा में आया जब 1974 में जबलपुर में हुए लोकसभा के उपचुनाव में उन्होंने विपक्ष के साझा उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद दास को चुनाव हराया। इसके पहले वह जबलपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में देश के छात्र एवं युवा आंदोलन का एक बड़ा चेहरा बन चुके थे।  1984 में वह अमेठी लोकसभा सीट से तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़े। 

 



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