सफारी में तेंदुए ने बनाया कई काले हिरणों को शिकार, पकड़ने के लिए शेरों के मल-मूत्र का बायोलॉजिकल वेपन जैसा प्रयोग


इटावा. एशिया की एक मात्र सबसे बड़ी सफारी में शामिल इटावा सफारी पार्क में करीब एक महीने से घुसे जंगली तेंदुए के परिवार को पकड़ने के लिए पहली दफा शेरों के मलमूत्र को बायोलॉजिकल वेपन की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि यह प्रयोग देश दुनिया की किसी भी सफारी में प्रयोग के तौर पर किया जा रहा है. इस प्रयोग से सफारी प्रबंधन खासी कामयाबी की भी उम्मीद लगाये बैठा है.

इटावा सफारी पार्क के क्षेत्रीय वन अधिकारी विनीत सक्सेना ने न्यूज़ 18 से बात करते हुए बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए कांबिंग के अलावा एक नया प्रयोग एशियाटिक लायन के मल और मूत्र का भी सहारा लिया जा रहा है. एंटीलोप सफारी के अंदर जितनी भी वॉटर बॉडी या वॉटर शेड हैं सभी का पानी बंद कर दिया गया है. इन तालाबों के आसपास शेरों के मल मूत्र को केमिकल हथियार के रूप में प्रयोग करके कई जगह डाला गया है, क्योंकि तेंदुए कभी भी शेर की आहट वाली जगह पर नहीं रुकता है. इसी के चलते इस फार्मूले को भी अपनाया जा रहा है.

शेरों के मल मूत्र को जम करके हर पंद्रह पद्रह मीटर की दूरी पर स्प्रे के तौर पर पेड़ों पर डाला जा रहा है. एक दफा स्प्रे का असर तीन दिन तक लगातार रहता है. अगर इस दरम्यान इस इलाके में किसी भी कारण से तेंदुआ आता है तो शेर की गंध का एहसास होने पर तुरंत ही वो जगह छोड़ देगा. किसी भी तेंदुए को पकड़ने के लिए शेर के मल मूत्र को बायोलॉजिकल वेपन की तरह पहली दफा इस्तेमाल किया जा रहा है. बेशक यह नया प्रयोग माना जाये, लेकिन इस प्रयोग से बड़ी कामयाबी की उम्मीद सफारी प्रबंधन को है.

जंगली तेंदुए परिवार ने ऐसी दहशत मचाई हुई है कि पूरी की पूरी सफारी मे हडकंप मचा हुआ है. दहशत मचाये तेंदुए परिवार के निशाने पर एक सैकड़ों काले हिरन बने हुए हैं, जिनको शिकार करने के इरादे से तेंदुआ सफारी से निकालने का नाम नहीं ले रहा है. सफारी में हडंकप मचने के पीछे जो वजह बताई जा रही है कि वो बड़ी ही हैरतभरी है, क्योंकि दहशत मचाये तेंदुए ने एंटीलोप सफारी मे घुस कर एक दर्जन के आसपास काले हिरणों को मौत का शिकार बना डाला.

पहले तो सफारी प्रबंधन ने तेंदुए की आमद को स्वीकार नहीं किया, लेकिन जब काले हिरणों की एक बाद एक करके मौत शुरू हो गई तो फिर सफारी प्रबंधन ने आंतक मचाए तेंदुए को पकड़ने के लिए बडा अभियान शुरू किया. अभियान के क्रम में सफारी के करीब एक सैकड़ा के आसपास कर्मियों को रात के अंधेरे के साथ साथ दिन में भी सर्चिंग अभियान में ढोल नगाड़े के साथ जुटे हुए हैं. 350 हैक्टेयर में फैली इस सफारी में तेंदुए की आमद जंगल से होने का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि यह तेंदुआ पिछले महीने 29 मार्च को किसी तरह से एंटीलोप सफारी में घुस गया, जिसके बाद उसने एक एक करके काले हिरणों को शिकार बनाना शुरू कर दिया.

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