Scrub Typhus: सहारनपुर में ‘स्क्रब टायफस’ को लेकर अलर्ट जारी, जानिए क्‍या हैं लक्षण?


रिपोर्ट: निखिल त्यागी

सहारनपुर. यूपी के सहारनपुर में संक्रामक रोगों के बीच अब स्क्रब टायफस का खतरा बढ़ गया है. चिकित्सकों की मानें तो अब सभी को आवश्यक सावधानी बरतने के साथ सतर्क रहने की जरूरत है. हालांकि जनपद में अभी तक स्क्रब टायफस का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है, लेकिन इसकी संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता.

सहारनपुर जनपद में डेंगू और वायरल बुखार के बीच चिकित्सकों ने अब स्क्रब टायफस के खतरे की संभावना जताई है.इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. चिकित्सकों के अनुसार, स्क्रब टाइफस चूहे, गिलहरी आदि से फैलता है. यह एक लार्वा से फैलने वाली बीमारी है.

जानें कैसे इंसान तक पहुंचती है ये बीमारी
जिला मलेरिया अधिकारी शिवांका गौड़ ने बताया कि अभी जनपद में स्क्रब टाइफस का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है. स्क्रब टाइफस का बैक्टीरिया चूहों व गिलहरियों से इंसान तक पहुंचता है. संक्रमण के दस दिन के अंदर मरीज के शरीर पर काले चकत्ते बनने के अलावा तेज बुखार, कमजोरी, भूख में कमी, बदन दर्द व ठंडक जैसे लक्षण उभरते है. डेंगू से मिलते जुलते लक्षणों की वजह से इस बीमारी के मरीज की जल्द पहचान नहीं हो पाती. बीमारी के गंभीर अवस्था में आने पर मरीजों के शरीर पर पपड़ी, बेहोशी और अंदरूनी रक्तस्राव हो जाता है. उन्होंने बताया कि स्क्रब टायफस बुखार का शुरुआती लक्षण सिरदर्द होना है.

स्क्रब टायफस की जांच
सीएमओ डॉ. संजीव मांगलिक ने बताया कि गत वर्ष फिरोजाबाद जिले में इस बीमारी के कुछ मरीज सामने आए थे. इसके लिए हमें अपने आसपास की झाड़ियों को काटकर सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए. झाड़ियों में रहने वाले चूहे व गिलहरी स्क्रब टायफस बुखार के फैलने का कारण बनते हैं. उन्होंने बताया कि हमने नगर निगम की सहायता से बस्तियों, मोहल्लों व अस्पताल के आसपास बनी झाड़ियों को काटकर सफाई कराई है. डॉक्टर संजीव मांगलिक ने बताया कि जिस तरह से मलेरिया, टाइफाइड व डेंगू आदि के लिए मरीज अपने खून की जांच कराते हैं. उसी तरह स्क्रब टायफस की भी जांच कराना आवश्यक हो गया है, जिसके लिए मेडिकल कॉलेज पिलखनी में जांच की सुविधा उपलब्ध है.

Tags: Saharanpur news, UP news



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