रायबरेली: एक किसान ने 12 साल की कड़ी मेहनत के बाद उगाए बादाम, पहली बार मिले 15 किलो फल


रिपोर्ट- सौरभ वर्मा

रायबरेली. रायबरेली में एक किसान ने प्रतिकूल मौसम में भी कड़ी तपस्या के बाद बादाम की फसल को तैयार करने में सफलता हासिल की है. प्रतिकूल तापमान में धैर्य पूर्वक बादाम के पेड़ के रखरखाव से 12 साल बाद 15 किलो बदाम का उत्पादन होने लगा है. किसान की कड़ी मेहनत का नतीजा यह रहा कि वह उस पौधे से 15 से 16 किलो फल लटक रहे हैं. आपको बता दें कि रायबरेली जिले की महाराजगंज तहसील अंतर्गत पूरे दुबे बाजार मजरे मऊ गांव के प्रगतिशील किसान रुद्र प्रताप अग्निहोत्री ने 12 वर्ष पहले बादाम का पेड़ लगाया था. 3 वर्षों से बादाम के पेड़ पर फल आ रहे हैं लेकिन इस बार इतने ज्यादा बादाम लगे हैं जिससे किसान खुश है.

दुबे बाजार गांव जिले का पहला ऐसा गांव है जहां बादाम के पौधे में फल आया है इसके पीछे रुद्र प्रताप अग्निहोत्री की मेहनत और उनका धैर्य जुड़ा हुआ है.

पेड़ की तैयारी के लिए खुद ढूंढा तरीका
उन्नतशील किसान रुद्र प्रताप ने बताया कि वह वर्ष 2010 में अपने कार्य से रायबरेली शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश शुक्ला के घर गए थे. जहां उन्हें यह पेड़ दिखाई पड़ा तो उन्होंने उनसे इस बारे में जानकारी ली तो अधिवक्ता अविनाश शुक्ल ने बताया कि यह बादाम का पेड़ है, हमने उनसे प्रेरणा लेकर अपने यहां भी एक पेड़ लगाया लेकिन मौसम प्रतिकूल होने की वजह से हमें इस पेड़ को तैयार करने में बड़ी ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. तब जाकर लगभग 12 वर्ष बाद अब यह पेड़ अच्छे से फल देने लगा है.

बदाम की खेती के लिए कृषि वैज्ञानिकों से पूछेंगे उपाय
उन्नतशील किसान रुद्र प्रताप अग्निहोत्री ने बताया कि प्रत्येक वर्ष मार्च-अप्रैल में पेड़ पर बादाम का फल आ जाता है.लेकिन इसकी गिरी बहुत ही पतली होने को लेकर हम कृषि वैज्ञानिकों से मिलकर बादाम की गिरी मोटी होने के लिए जानकारी हासिल करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा की यदि उनका सहयोग मिला तो हम आगे बादाम की खेती भी करेंगे.

पौधा तैयार करने की विधि
पौधा तैयार करने का तरीका बताते हुए रूद्र प्रताप अग्निहोत्री ने बताया कि लेयरिंग और क्राफ्टिंग विधि से पौधे तैयार होंगे. जिससे प्रतिकूल मौसम में भी आसानी से उसमें फल लग सकेंगे और उनकी देखरेख भी की जा सकेगी. जिला कृषि अधिकारी रवि चंद्र प्रकाश ने बताया कि अभी हमें इसके बारे में जानकारी मिली है. जिसके बाद हम अपने कृषि विभाग की टीम को भेजकर निरीक्षण कर आएंगे और साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र दरियापुर के अपने कृषि वैज्ञानिकों को इस बारे में अवगत करा कर उनसे भी परीक्षण कराएंगे क्योंकि जनपद में पहला ऐसा बादाम का पेड़ है जिसमें फल आए हैं. प्रतिकूल मौसम में यह तैयार किया गया है.

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