रामलला जन्मोत्सव पर भगवान के मुखारविंद पर कैसे पड़े सूर्य की किरण, मंदिर ट्रस्ट ने दो दिन किया मंथन


हाइलाइट्स

अयोध्या के विकास की योजना, मंदिर निर्माण की योजना में परस्पर समन्यव बना रहे, इसे लेकर मंथन हुआ.
मंदिर के परिसर और अयोध्या क्षेत्र में उनकी डुप्लीकेसी ना हो इस पर भी बैठक में मंथन किया गया.
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर की निर्माण के बाद 2023 में प्राण प्रतिष्ठा की प्रगति समीक्षा हुई.

अयोध्या. भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक आज समाप्त हो गई है. पहले दिन की बैठक में राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण की प्रगति पर चर्चा हुई तो दूसरे दिन की बैठक में मंदिर के परकोटा अकाउंटेंसी और भगवान के जन्मोत्सव के दरमियान गर्भ ग्रह पर भगवान के मुखारविंद पर पढ़ने वाली पहली किरण को लेकर मंथन किया गया है इतना ही नहीं बैठक में मंदिर निर्माण के लिए बनाई जा रही डॉक्यूमेंट्री पर भी पर चर्चा हुई है.

अयोध्या के विकास की योजना, मंदिर निर्माण की योजना में परस्पर समन्यव  बना रहे, एक ही योजनाएं मंदिर के परिसर और अयोध्या क्षेत्र में ना हों, उन की डुप्लीकेसी ना हो. इस पर मंथन किया गया है. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, भगवान के मंदिर की निर्माण के बाद 2023 में प्राण प्रतिष्ठा हो उसकी प्रगति को लेकर बैठक में मंथन किया गया है. मंदिर निर्माण की प्रगति से सभी संतुष्ट हैं साथ ही भगवान के मंदिर निर्माण के लिए आ रहे दान का दानदाताओं को डिजिटल रशीद सुगमता से प्राप्त हो इन विषयों पर चर्चा की गई है.

रामलला के जन्म उत्सव के दरमियान रामलला के मुखारविंद पर ठीक जन्मोत्सव के समय सूर्य देवता की पढ़ने वाली किरण को लेकर भी मंथन हुआ है, जिस पर भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक काम कर रहे हैं.

केवल 30 फीसदी जमीन निर्माण में उपयोग करेगा ट्रस्ट
सबसे अहम है कि भगवान रामलला के मंदिर में मात्र 30% भूमि का इस्तेमाल ट्रस्ट करेगा बाकी 70% जमीन भगवान राम लला की जन्मस्थली की( लगभग 50 एकड़ ) पर प्राकृतिक संरक्षण और संवर्धन का काम किया जाएगा जिसमें बाल्मीकि रामायण में चर्चित वृक्षों को लगाया जाएगा. परिसर में लगाए गए वृक्षों और वृक्षों के प्रजाति पर मंथन किया गया है और रामायण कालीन वृक्षों को लगाया जा सकता है. इस पर भी विचार किया गया है. दो दिवसीय बैठक आयोजित की गई थी जिसकी अध्यक्षता भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा कर रहे थे. जिसमें ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सदस्य डॉ अनिल मिश्रा राम जन्म भूमि मंदिर के आर्किटेक्ट निखिल सोनपुरा समेत कार्यदाई संस्था इंजीनियर और पदेन सदस्य मौजूद रहे.

मंदिर का परकोटा बनाया जा रहा है मल्टीपरपज
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर का परकोटा मल्टीपरपज बनाया जा रहा है, जिसमें तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं को परकोटे में ही समाहित किया जाएगा. विश्राम और भीड़ अधिक होने पर भी परकोटे को इस्तेमाल में लाया जाएगा. ऐसी व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी, साथी परकोटे में मंदिर भी बनाए जाएंगे. मंदिर निर्माण समिति की बैठक में प्रथम पाली में परकोटे की बारीकियों पर चर्चा की गई. रामलला के जन्म भूमि पर 70 एकड़ जमीन का 70% हिस्सा हरियाली रहेगी.

राम जन्मभूमि परिसर में किन प्रयार के कितने पेड़ हैं किन पेड़ों को संरक्षित किया जा सकता है. साथी बाल्मीकि रामायण में किन पेड़ों का जिक्र है, जिन्हें परिसर में लगाया जा सकता है. इन तमाम बिंदुओं पर चर्चा हुई. भू संरचना पर चर्चा हुई है. यात्री सुविधाओं को लेकर छोटी-छोटी बातों पर विचार हुआ है.

प्रसार भारती बनाएगी मंदिर पर डाक्यूमेंट्री
भारत सरकार की संस्था दूरदर्शन है ट्रस्ट की तरफ से प्रसार भारती को जिम्मेदारी दी गई है. प्रसार भारती के द्वारा डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए एजेंसी का चयन किया गया है. डॉक्यूमेंट्री फिल्म को स्पॉन्सर करने वाली संस्था फोटो और वीडियो एकत्रित करने वाली संस्था प्रसार भारती कर रही है. चंपत राय ने कहा कि मंदिर बनने के बाद ही डॉक्यूमेंट्री को प्रदर्शित किया जाएगा.

वहीं भगवान राम लला के जन्मोत्सव के दरमियान रामलला के चेहरे पर दोपहर 12:00 बजे पढ़ने वाली धूप की किरण को लेकर बताया कि प्रत्येक रामनवमी पर भगवान के चेहरे पर सूर्य देवता की पढ़ने वाली पहली किरण मंदिर के गर्भ गृह भगवान के मुखारविंद मस्तक को प्रकाशित करें इस पर भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक काम कर रहे हैं.

मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 2023 तक करने की प्रगति और संभावनाओं पर चर्चा
चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण की प्रगति और मंदिर मैं दिसंबर 2023 तक भगवान की प्राण प्रतिष्ठा हो जाए. उसकी प्रगति संभावना क्या है उसको प्राप्त करने की स्थिति क्या है उस पर कल चर्चा हुई थी. मंदिर निर्माण की प्रगति से हम सब संतुष्ट हैं. बताया कि आज हिसाब किताब पर भी चर्चा हुई है ऑनलाइन प्राप्त हुए दान की रसीद को लेकर अकाउंटिंग सिस्टम उसके डिजिटलाइजेशन उत्तम तरीके से चल रहा है. 99 का सबसे ज्यादा दानदाताओं को डिजिटल रसीद मिल रही है. इस विषय पर ऑडिटर टीम ने भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा को विस्तार से समझाया है आखिरी सत्र इसी विषय पर था.

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