प्रयास करने से बहुत कुछ संभव:वाराणसी में सीएम योगी बोले – Cm Yogi Said In Varanasi Water Of Ganga Is Pure From Gomukh To Gangasagar


बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में सीएम योगी
– फोटो : अमर उजाला

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 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोमुख से गंगा सागर तक गंगा का पानी निर्मल व आचमन योग्य हो गया है। टिप्पणियां बहुत हो सकती हैं, लेकिन मारीशस के प्रधानमंत्री ने 400 लोगों के साथ गंगा में डुबकी लगाकर सरकार के स्वच्छता अभियान पर मुहर लगा दी थी। गंगा निर्मलीकरण का ही प्रमाण है कि विलुप्त डॉल्फिन भी अब दिखाई पड़ने लगी हैं। 

बीएचयू परिसर में कृषि आधारित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लेने आए मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगोत्री से गंगासागर तक 2500 किलोमीटर तक यात्रा होती है। इसमें 1025 किलोमीटर का क्षेत्र यूपी में पड़ता है। अब गंगा पूरी तरह साफ हो गई है। प्रयास करने से बहुत कुछ हो सकता है। इसका आदर्श उदाहरण नमामि गंगे परियोजना है। नमामि गंगे परियोजना के पहले और बाद के परिणाम सबके सामने हैं।

काशी और प्रयागराज में बदलाव महसूस हो रहा है। 2013 में मारीशस के प्रधानमंत्री प्रयागराज कुंभ आए थे। गंगा में गंदगी देख स्नान किए बगैर ही दूर से प्रणाम करके चले गए थे। 2019 में प्रवासी भारतीय दिवस पर मारीशस के प्रधानमंत्री दोबारा आए। छह साल के अंदर बदली तस्वीर देख प्रधानमंत्री, उनका परिवार व प्रतिनिधि मंडल गदगद दिखा। सबने गंगा स्नान किया, यह बदली तस्वीर थी।

राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक 2019 में हुई थी। कानपुर के सीसामऊ नाले के जरिये रोजाना 14 करोड़ लीटर गंदगी गंगा में जाती है। अब नाला पूरी तरह बंद कर दिया गया। एक  बूंद गंदगी नदी में नहीं जा रही है। इसी तरह कानपुर के जाजमऊ क्षेत्र में गंगा का जलीय जीवन लगभग समाप्त हो चुका था। मछलियां मर रही थीं। अब परिवर्तन है। जाजमऊ में भी गंगा का पानी निर्मल है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी दौरे पर रविवार को सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि जनवरी से अप्रैल तक वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय आयोजन होेंगे। गंगा विलास क्रूज, टेंट सिटी, शंघाई सहयोग संगठन और जी-20 के आयोजन की पूरी कार्ययोजना बनाई जाए। अतिथियों के सामने बनारस के आतिथ्य का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया जाए।
 
लखनऊ में हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2023 का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय व्यापारियों को भी निवेश के लिए प्रेरित किया जाए। जनप्रतिनिधि व्यापारियों के साथ बैठक कर स्थानीय निवेश के लिए उन्हें प्रेरित करें। टेंट सिटी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इससे बहुत से लोगों को रोजगार मिलेगा। यह एक अच्छा प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने 13 जनवरी को सबसे लंबे जलमार्ग पर रवाना होने वाले गंगा विलास क्रूज और जी-20 सम्मेलन से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की। इन आयोजनों को सफल बनाने के लिए कई सुझाव भी दिए। उन्होंने ताकीद की कि राहगीरों, महिलाओं और व्यापारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। मुख्यमंत्री ने शहर की सबसे बड़ी समस्या जाम के स्थायी समाधान निकालने के भी निर्देश दिए।

बैठक में जल संसाधन मंत्री स्वतंत्र सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रविंद्र जायसवाल, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, विधायक नीलकंठ तिवारी, सौरभ श्रीवास्तव, अवधेश सिंह, पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन, कमिश्नर कौशल राज शर्मा, डीएम एस. राजलिंगम आदि रहे। 

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 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोमुख से गंगा सागर तक गंगा का पानी निर्मल व आचमन योग्य हो गया है। टिप्पणियां बहुत हो सकती हैं, लेकिन मारीशस के प्रधानमंत्री ने 400 लोगों के साथ गंगा में डुबकी लगाकर सरकार के स्वच्छता अभियान पर मुहर लगा दी थी। गंगा निर्मलीकरण का ही प्रमाण है कि विलुप्त डॉल्फिन भी अब दिखाई पड़ने लगी हैं। 

बीएचयू परिसर में कृषि आधारित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लेने आए मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगोत्री से गंगासागर तक 2500 किलोमीटर तक यात्रा होती है। इसमें 1025 किलोमीटर का क्षेत्र यूपी में पड़ता है। अब गंगा पूरी तरह साफ हो गई है। प्रयास करने से बहुत कुछ हो सकता है। इसका आदर्श उदाहरण नमामि गंगे परियोजना है। नमामि गंगे परियोजना के पहले और बाद के परिणाम सबके सामने हैं।

काशी और प्रयागराज में बदलाव महसूस हो रहा है। 2013 में मारीशस के प्रधानमंत्री प्रयागराज कुंभ आए थे। गंगा में गंदगी देख स्नान किए बगैर ही दूर से प्रणाम करके चले गए थे। 2019 में प्रवासी भारतीय दिवस पर मारीशस के प्रधानमंत्री दोबारा आए। छह साल के अंदर बदली तस्वीर देख प्रधानमंत्री, उनका परिवार व प्रतिनिधि मंडल गदगद दिखा। सबने गंगा स्नान किया, यह बदली तस्वीर थी।



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