Priya Rathore death
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
एसआर स्कूल के हॉस्टल का कमरा नंबर 208… जिसमें प्रिया राठौर रहती थी। पांच और सहपाठी इस कमरे में रहती हैं। अब प्रिया का बेड खाली है। उस पर सामान बिखरा पड़ा है। कमरे में रहने वाली सभी छात्राएं खामोश हैं। वहां एक अजीब सा सन्नाटा है। कमरे में रखी एक अलमारी पर प्रिया का नाम लिखा था।
इसी पर प्रिया ने एक अंग्रेजी में स्लोगन लिखा था। जिसका मतलब है….भगवान हर जगह नहीं हो सकते…इसलिए माता-पिता को बनाया। अंदाजा लगाया जा सकता है कि मासूम प्रिया अपने माता-पिता से कितना प्यार करती थी। अमर उजाला की रिपोर्टर बृहस्पतिवार को प्रिया के कमरे तक पहुंची। उसकी सहपाठियों, वार्डन व शिक्षिकाओं के जरिये घटना से संबंधित कुछ न कुछ जानकारियां पता करने का प्रयास किया।
हर तरफ बस प्रिया की चर्चा
स्कूल में हर तरफ प्रिया की मौत की चर्चा है। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर प्रिया के साथ ऐसा क्या हुआ था जो उसकी मौत हो गई। तरह तरह की बातें लोग कर रहे हैं। कोई खुदकुशी तो कोई हत्या बता रहा है। कुछ लोग ये भी कह रहे थे कि हॉस्टल में छात्राओं की संख्या काफी है। वार्डन समेत सुरक्षाकर्मी आदि भी रहते हैं। ऐसे में किसी का चश्मदीद न होना शक पैदा करता है। हालांकि, खुलकर कोई कुछ नहीं बोल रहा है।
खिड़की पूरी तरह लॉक, छत पर जाना है प्रतिबंधित
जिस कमरे में प्रिया रहती थी उसमें एक खिड़की है। जो लोहे की एंगल से पूरी तरह से घिरी हुई है। वहां से किसी का बाहर कूदना संभव ही नहीं है। वहीं छत पर जाना प्रतिबंधित है। कुछ सहपाठियों ने कहा कि अगर प्रिया छत से गिरी तो सबसे बड़ा सवाल है कि वह छत पर पहुंची कैसे? ऐसे सवालों के जवाब पुलिस भी तलाश रही है।
पढ़ाई में अच्छी थी प्रिया
सहपाठी व शिक्षिकाओं ने बताया कि प्रिया पढ़ाई में अच्छी थी। बस थोड़ी जिद्दी स्वभाव की थी। प्रिया की मौत से सभी स्तब्ध हैं।