नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन करेंगे और दिवाली के मौके पर आयोजित खास कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. तकरीबन 2 साल पहले पीएम मोदी अयोध्या के दौरे पर गए थे और उस वक्त राम मंदिर निर्माण की नींव रखी थी. 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ-अयोध्या राम रथ यात्रा शुरू हुई थी. उस वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात में भाजपा के महासचिव थे. उन्होंने गुजरात में रथ यात्रा की अगुआई की थी. नरेंद्र मोदी ने एकता यात्रा के तहत 26 जनवरी 1992 को कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया था. इससे कुछ दिनों पहले 14 जनवरी को उन्होंने अयोध्या में राम जन्मभूमि पहुंचकर भगवान श्री राम का आशीर्वाद लिया था. बताया जाता है कि उस दौरान मोदी ने प्रतिज्ञा ली थी कि वह अयोध्या तभी लौटेंगे जब राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा.
भगवान श्रीराम के प्रति नरेंद्र मोदी की श्रद्धा को इसी से समझा जा सकता है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर भाजपा के लेटरहेड पर प्रभु श्री राम को एक कविता समर्पित की थी. यह कविता नरेंद्र मोदी ने खुद अपने हाथों से लिखी थी. वर्ष 1998 में मॉरिशस में अंतरराष्ट्रीय रामायण कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था. मोका में आयोजित इस कांफ्रेंस में नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया गया था. इस कार्यक्रम में तब पीएम मोदी ने पूरे उत्साह के साथ भगवान श्री राम को लेकर अपने विचार रखे थे. उनके इस भाषण का काफी प्रभाव पड़ा था.
समय के साथ नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. दूसरी तरफ, अयोध्या की कानूनी लड़ाई भी अंतिम चरण में पहुंच गई. तकरीबन 500 साल पुराना राम मंदिर आंदोलन और नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत समर्पण की यात्रा 5 अगस्त 2020 को नई ऊंचाई पर पहुंचा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान श्री राम मंदिर निर्माण की नींव रखी. बताया जाता है कि 2 साल में राम मंदिर का आधा निर्माण पूरा कर लिया गया है. वहीं, अयोध्या के विकास के लिए भी हजारों करोड़ रुपये की लागत से कई परियोजनाएं चल रही हैं. कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं को राम मंदिर को ओपन करने से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
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FIRST PUBLISHED : October 23, 2022, 15:10 IST