मेरठ में एसएसपी आवास के सामने मेरठ कॉलेज में सोमवार को छात्र गुटों के बीच मारपीट और फायरिंग हुई। इसमें छात्र विजित तालियान पक्ष से नोएडा के धनखौड़ निवासी प्रियांशु और पुष्पेंद्र पक्ष से मुंडाली अगवानपुर निवासी ईशांत तोमर एवं शुभम चौहान घायल हो गए। विजित पक्ष ने छात्रों के अपहरण की कोशिश का भी आरोप लगाया है।
वहीं पुलिस ने प्रियांशु, ईशांत और शुभम के खिलाफ हत्या के प्रयास और बलवे के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की। घटना की वजह एक छात्र पर हमले के बाद से दोनों गुटों में बढ़ा तनाव बताई जा रही है।
शनिवार रात छात्र संघ के पूर्व महामंत्री पुष्पेंद्र उर्फ चीकू ने छुर गांव निवासी विजित तालियान के बेगमबाग स्थित फ्लैट पर पहुंचकर हमला किया था। उसे पुलिस को सौंपा गया था। बाद में पुलिस ने छोड़ा तो दोबारा हमला करने पहुंच गया। इस बार चीकू और उसके साथी प्रिंस पकड़ लिया गया था। छात्रों ने चीकू की पिटाई कर दी थी। उसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा था। अब इसी विवाद में यह संघर्ष हुआ है।
गुंडागर्दी का अड्डा बना मेरठ कॉलेज, घटना के बाद छावनी में हुआ तब्दील
एसएसपी आवास से चंद कदमों की दूरी पर बना मेरठ कॉलेज गुंडागर्दी का अड्डा बन गया है। यहां पर आए दिन वारदात होती रहती है। एक महीना पहले चीफ प्राक्टर रहे डा. हेमंत पांडेय पर हमला किया गया और उसके बाद अब छात्र गुटों के बीच संघर्ष और फायरिंग होने से कॉलेज में फैल ही अराजकता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस भी इन पर कानूनी शिकंजा कसने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है।
मेरठ कॉलेज अपराध का अड्डा बनता जा रहा है। चीफ प्रॉक्टर डॉ. हेमंत पांडेय पर एक महीने पहले कॉलेज की पार्किंग में हमला किया गया था। कॉलेज की पार्किंग में डॉ. हेमंत पांडेय को ईंट से मारा गया और उनका सिर फोड़ दिया गया था। अब यह दूसरी घटना है। इतना ही नहीं मेरठ कॉलेज में पहले हत्या तक हो चुकी है। यहां पर कई साल पहले छात्र नेता निशांत अहलावत की हत्या कर दी गई थी।
इसके अलावा यहां पर फायरिंग होना आम बात हो गई है। घटनाओं को रोक पाने में पुलिस प्रशासन नाकाम है। पुलिस प्रशासन भी इस तरह की घटनाओं पर नकेल कसने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। घटना होने के बाद ही पुलिस प्रशासन जागता है। दोपहर को जब ताबड़तोड़ गोलियां चली, इसके बाद ही पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचा और कॉलेज को छावनी में तब्दील कर दिया।