OMG : 1 घंटे में 100 KM की दूरी तय करेगी यह ट्रेन, जानें दिल्‍ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल की खास बातें


मेरठ: मेरठ से दिल्ली तक भारत की पहली रीजनल रेल (delhi meerut regional rapid rail news) बनाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. इसमें यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ऐसे अत्याधुनिक इंतज़ाम किए जा रहे हैं कि आप भी जानकर दंग रह जाएंगे. मसलन रीजनल रेल के ट्रेनों में आर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2×2 ट्रांसवर्स सीटिंग, आरामदायक खड़े होने की जगह, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरा, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, इंफोटेनमेंट सिस्टम, रोशनी-आधारित ऑटो नियंत्रण प्रकाश व्यवस्था, तापमान नियंत्रण प्रणाली और अन्य सुविधाएं होंगी. वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में कई नए मानकों के साथ प्रीमियम क्लास (प्रति ट्रेन एक कोच) होगा और साथ ही एक कोच महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होगा.

मेक इन इंडिया के दिशानिर्देशों के तहत, आरआरटीएस रीजनल रेल के लिए 100% ट्रेनसेट भारत में निर्मित किए जा रहे हैं. सावली, गुजरात में स्थित विनिर्माण सुविधा पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 210 कोचों (40 ट्रेनसेट) की डिलीवरी करेगी. इसमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर क्षेत्रीय परिवहन सेवाओं के संचालन और मेरठ में स्थानीय मेट्रो सेवाओं के लिए ट्रेनसेट शामिल हैं. इस साल एनसीआरटीसी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता खंड पर ट्रायल रन शुरू करेगी.

आरआरटीएस अपनी तरह की पहली प्रणाली है, जिसमें 180 किमी प्रति घंटे की गति वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी और एक घंटे में लगभग 100 किमी की दूरी तय करेंगी. एनसीआरटीसी ने एनसीआर में विभिन्न सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों को मूल रूप से जोड़कर एक विशाल रीजनल रेल नेटवर्क बनाने की पहल की है. रीजनल रेल के स्टेशनों का जहां भी संभव हो, मेट्रो स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, बस डिपो के साथ सहज एकीकरण होगा. यह रेल प्रणाली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लोगों और स्थानों को करीब लाएगा और इस क्षेत्र के सतत और संतुलित विकास को सक्षम बनाने में अहम भूमिका निभाएगा.

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर से प्रति वर्ष लगभग 2,50,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है. आरआरटीएस सबसे अधिक ऊर्जा कुशल फ्यूचरिस्टिक ट्रांजिट सिस्टम साबित होगा, जो निर्बाध रूप से जुड़े मेगा क्षेत्रों के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा और भविष्य में इसी तरह की परियोजनाओं के लिए एक नया बेंचमार्क स्थापित करेगा. 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर काम जोरों पर है, जिसमें दुहाई और मोदीपुरम में 2 डिपो और जंगपुरा में 1 स्टैबलिंग यार्ड सहित कुल 25 स्टेशन होंगे.

हाल ही में कॉरिडोर पर 23वीं लॉन्चिंग गैन्ट्री लगाई गई थी और 14,000 से अधिक कर्मचारी और 1100 से अधिक इंजीनियर दिन-रात निर्माण कार्य में लगे हुए हैं. एनसीआरटीसी ने एलिवेटेड सेक्शन की नींव का लगभग 80% काम पूरा कर लिया है. अब तक 40 किमी खंड पर 1400 से अधिक पीयर्स और 18 किमी वायाडक्ट का निर्माण किया जा चुका है, जिनमें से अधिकांश प्राथमिकता खंड में हैं. साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के प्राथमिकता खंड को 2023 तक और पूरे कॉरिडोर को 2025 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है. प्राथमिकता खंड पर सिविल वर्क, जिसमें कुल 5 स्टेशन हैं, पूरा होने वाला है. एलिवेटेड वायडक्ट पर ओवरहेड इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट (ओएचई) इंस्टालेशन के साथ ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है. प्राथमिकता खंड यानी साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो के सभी 5 आरआरटीएस स्टेशन आकार लेने लगे हैं.पहले आरआरटीएस कॉरिडोर में प्रतिदिन लगभग 8 लाख यात्रियों के सफ़र करने की संभावना है.

आरआरटीएस ट्रेनसेट की अन्य यात्री केंद्रित विशेषताएं
· उच्च गति पर हवा के दबाब को कम करने के लिए ट्रेन का आगे का भाग एयरोडायनेमिक होगा और प्लग-इन-दरवाजे होंगे.
· यात्रियों के प्रवेश और निकास के लिए चौड़े गलियारे के साथ पूरी तरह से वातानुकूलित कोच होगा. बड़ी खिड़की के शीशों से लोग बाहर का मनोरम दृश्य देख सकेंगे.
· आर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2X2 ट्रांसवर्स सीटिंग, ओवरहेड लगेज रैक के साथ होगी कुशन वाली सीटें.
· हर ट्रेन में होगा एक ‘प्रीमियम क्लास कार’, जो अधिक लेगरूम, कोट हैंगर और चौड़ी सीटों के साथ आरामदायक, सुविधाजनक और यूजर फ्रेंडली बनाया गया है · महिलाओं के लिए आरक्षित एक कोच.
· एनर्जी एफिसियेंट, रोशनी-आधारित ऑटो नियंत्रण परिवेश प्रकाश प्रणाली.
· सीसीटीवी निगरानी, आधुनिक पैसेंजर अनाउंसमेंट और डिजिटल पैसेंजर इनफार्मेशन सिस्टम (PAPIS)

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने दुहाई डिपो में अत्याधुनिक रीजनल रेल के ट्रेन इंटीरियर और यात्री-केंद्रित सुविधाओं का अनावरण किया. उन्होंने कहा कि देश की प्रथम आरआरटीएस परियोजना मे प्रारम्भ से ही यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता दी गयी है. टीम ने रीजनल यात्रा के लिए यात्रियों की जरूरतों का बारीकी से अध्ययन किया है और कई अनुकूलित सुविधाएं प्रदान करने पर काम किया है, जो यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय कर रही है. आरआरटीएस का पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर, चाहे वह ट्रेन हो या स्टेशन, यात्रियों के लिए आसानी से पहुंच और यात्रा की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

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