यूपी के सोनभद्र जिले में तेज बारिश और ओलावृष्टि के बीच शुक्रवार की देर शाम बड़ा हादसा हुआ। रामपुर बरकोनिया गढ़वान गांव के जंगल में लकड़ी बीनने गए दो बच्चों समेत छह मजदूर बारिश से उफनाए पहाड़ी नाले में बह गए। शनिवार को पांच लोगों का शव कोन थाना क्षेत्र के बैतरा नाले से मिला। एक महिला के शव की तलाश जारी है। मरने वालों में मां-बेटी समेत एक ही परिवार के तीन लोग हैं। नाले के पानी के साथ पहाड़ी से नीचे गिरने के कारण मृतकों के शरीर क्षत-विक्षत हो गए थे। शवों को निकालने के बाद पंचनामा के लिए एक साथ रखा गया तो उसे देख लोगों की रूह कांप गई। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से काफी मशक्कत के बाद शवों का पंचनामा कर कब्जे में लिया। उसे पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ और पुलिस के अधिकारी जमे रहे।
इस हादसे ने हर किसी को झकझोर दिया है।
हादसे में जिंदा बचे दो लोगों ने आपबीती बयां की है। उनके मुताबिक, अचानक बारिश के साथ अचानक बड़े ओले गिरने लगे। ओलों से बचने के लिए हम सभी पैना पानी नाले में एक चट्टान के नीचे छिप गए। नाले में बस नाम मात्र का ही पानी था। रफ्तार के साथ पहाड़ों का पानी आने से एकाएक नाला उफनाने लगा। जब तक हम लोग कुछ समझ पाते तब तक बहाव में बहने लगे थे।
रामपुर बरकोनिया थाना क्षेत्र के गढ़वान गांव से कुछ मजदूर शुक्रवार को लकड़ी बीनने जंगल की ओर गए थे। देर शाम अचानक तेज आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए सभी गांव के पास स्थित पैना नाले में पत्थर की आड़ में छिप गए। इसी दौरान पहाड़ों पर हुई तेज बारिश का पानी तेज बहाव के साथ नाले में आ गया। उफनाए नाले में सभी बहने लगे।
दो मजदूरों ने तो खुद को किसी तरह बचा लिया, लेकिन दो बच्चे और चार महिलाएं बहाव की जद में आ गईं। बारिश थमने के बाद परिजन उन्हें खोजने पहुंचे लेकिन अंधेरा होने के कारण कोई सफलता नहीं मिली। घबराए ग्रामीणों ने पुलिस को भी सूचना दी। शनिवार की सुबह सैकड़ों फीट नीचे कोन थाना क्षेत्र के चकरिया गांव के समीप बैतरा नाले में तीन महिला और एक बच्चे का शव मिला।
मृतकों की पहचान गढ़वान निवासी रमेश की पत्नी रीना (40), पुत्री राजमति (11), विनोद अगरिया की पत्नी राजकुमारी (35) और विश्वास अगरिया की पत्नी हीरावती (30) के रूप में हुई। दोपहर बाद जुगैल थाना क्षेत्र के खरहरा गांव निवासी विमलेश (12) का भी शव बरामद हुआ। विमलेश गढ़वान गांव में अपने मामा रमेश के घर आया था। नाले में बही रमेश की मां संतरा (60) का शाम तक पता नहीं चल पाया था।