नवरात्रि में ‘सिंदूर खेला’ जरूरी, काशी के ज्‍योतिष बोले- ये 5 सामान चढ़ाने से मिलता है अखंड सौभाग्य का वर


रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल

वाराणसी. शक्ति अराधना के पर्व नवरात्रि (Navratri 2022) में देवी के पूजन का विधान है. नवरात्रि की षष्ठी तिथि को मध्य रात्रि में पंडालों में देवी की प्रतिमा स्थापित की जाती है.उसके बाद पूरे तीन दिनों तक पूरे विधि विधान से उनका पूजन किया जाता है. फिर दशहरा के दिन पूरे धूमधाम से उन्हें विदाई दी जाती है. इस दौरान बंगाली समाज द्वारा ‘सिंदूर खेला’ की रस्म भी देवी मां की विदाई से पहले निभाई जाती है. बंगाल से लेकर काशी तक तमाम पूजा पंडालों में इस रस्म को पूरे विधि विधान से मनाया जाता है. इस दौरान महिलाओं को अखंड सौभाग्य के वर के लिए देवी को खास सामान चढ़ाना चाहिए.

बीएचयू (BHU) के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर विनय पांडेय ने बताया कि ‘सिंदूर खेला’ की रस्म के दौरान देवी को पांच चीजें जरूर अर्पण करनी चाहिए. इसमें सिंदूर,आलता, श्रृंगार का सामान, पान और तेल शामिल है. ऐसी मान्यता है कि इससे देवी प्रसन्न होती हैं और सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वर देती हैं.

पति की आयु होती है दीर्घायु
ज्योतिषाचार्य विनय पांडेय ने बताया कि सिंदूर को हमारे शास्त्रों में सौभाग्य द्रव्य कहा जाता है, इसलिए विदाई के वक्त देवी को सिंदूर अर्पण कर उसे सुहागिन महिलाओं को अपने माथे पर लगाना चाहिए. इससे न सिर्फ उनका सौभाग्य बना रहता है बल्कि उनके पति की आयु भी दीर्घायु होती है.

बड़ों से लेना चाहिए आशीर्वाद
इसके अलावा देवी के विदाई के वक्त उन्हें दही मिश्री या चीनी भी जरूर खिलाना चाहिए. इन सब के अलावा देवी को इन पांच सामान अपर्ण करने के बाद उन्हें अपने रिश्तेदारों, सहयोगियों और जानने वालों को सिंदूर भी लगाना चाहिए. अपनो से बड़ों को सिंदूर लगाकर आशीर्वाद लेना चाहिए, जिससे देवी का आशीर्वाद सदैव उन पर बना रहता है.

Tags: Durga Puja festival, Navratri, Varanasi news



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