प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश के बावजूद जवाब न देने और अदालत में हाजिर न होने पर बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक रहे बृजेश मिश्र की मुश्किल बढ़ गई है. उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का निर्देश दिया गया है. यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ ने बलिया के विश्वनाथ तिवारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से रिटायर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विजयेंद्र कुमार राम की याचिका पर दिया है.
याची को विद्यालय प्रबंध समिति ने वर्ष 1975 में नियुक्त किया था. जिला विद्यालय निरीक्षक ने 2010 में याची के वेतन को इस आधार पर अवरुद्ध कर दिया था कि उसकी नियुक्ति गैर सृजित पद पर की गई थी. हाईकोर्ट के निर्देश के आधार पर विद्यालय में सृजित पदों की जांच की गई थी. 2016 में हुई विभागीय जांच में विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के सृजित पांच पदों के सापेक्ष तीन कर्मचारी कार्यरत पाए गए थे. याची के अतिरिक्त अन्य दो कर्मचारियों को राजकोष से वेतन प्राप्त हो रहा था. हाईकोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक को आठ सप्ताह में याची के प्रत्यावेदन पर विचार करने का निर्देश दिया था. आदेश का पालन न करने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई.
पूर्व अधिकारी का पलटा था आदेश
तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक भास्कर मिश्र ने हलफनामा देकर बताया कि विभाग ने याची को वेतन भुगतान करने का फैसला ले लिया है. उसके बाद 2020 में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक बृजेश मिश्र ने याची की नियुक्ति को गैर सृजित पद पर होने के कारण अवैध ठहराते हुए एरियर देने से मना कर दिया. कोर्ट ने पाया कि तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक ब्रजेश मिश्र ने अपने पूर्ववर्ती अधिकारी भास्कर मिश्र के आदेश को पलट दिया है.
कोर्ट में हाजिर न होने पर वारंट
उस आदेश के आधार पर ही भास्कर मिश्र को अवमानना की कार्रवाई से मुक्त किया गया था. कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को तलब किया. भास्कर मिश्र के उपस्थित न होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई. साथ ही सीजेएम बलिया को बृजेश मिश्र के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का निर्देश दिया है.
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FIRST PUBLISHED : June 13, 2022, 07:38 IST