Nhm Paper Leak:यूपी की गैंग का पूरे Mp में था नेटवर्क, मामले में अब तक आठ गिरफ्तार; मास्टरमाइंड फरार – Gwalior Police Has Arrested Eight Till Now In Nhm Paper Leak Case Mastermind Absconding Madhya Pradesh


मामले की जानकारी देते ग्वालियर के एसपी अमित सांघी व अन्य अधिकारी
– फोटो : अमर उजाला

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ग्वालियर पुलिस ने नेशनल हेल्थ मिशन के नर्सिंग स्टॉफ भर्ती परीक्षा मामले को लेकर बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश से ऑपरेट होने वाली गैंग का नेटवर्क मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सागर से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में अब तक आठ आरोपियों की गिरफ्तारी की है। लेकिन गिरोह का मास्टरमाइंड अब भी फरार है जो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का रहना वाला बताया गया है। 

‘टेकनपुर के होटल में बुलाया था पेपर की डील के लिए’

ग्वालियर पुलिस को एक छात्र के परिजन ने सूचना दी कि कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया है। वे डील करने डबरा के टेकनपुर स्थित होटल के पास बुला रहे हैं। यहां बड़ी डील हो सकती है। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने वहां छापा मारा और मौके से 33 लोगों को पकड़ा। इनमें से आठ आरोपी हैं, जो पेपर लीक कर बेच रहे थे।

दो आरोपी उत्तर प्रदेश के मेरठ और इलाहाबाद के रहने वाले हैं। बाकी दो आरोपी हरियाणा और तीन ग्वालियर के रहने वाले हैं। इसके अलावा मौके से 26 विद्यार्थियों को भी पकड़ा गया है जिनमें 15 लड़कियां और 11 लड़के हैं। क्राइम ब्रांच की सख्त पूछताछ में आरोपियों ने स्टूडेंट्स को पेपर बेचना भी कबूल किया है। सभी छात्रों को आरोपियों ने टेकनपुर बुलाया था।

ग्वालियर एसपी अमित सांघी ने प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि 80 परीक्षार्थियों से गैंग ने सौदा किया था। प्रत्येक परीक्षार्थी से दो से तीन लाख रुपये में सौदा तय हुआ था। आरोपियों ने गारंटी बतौर परीक्षार्थी से ऑरिजनल दस्तावेज जमा करा लिए थे। 

वहीं, NHM यानि नेशनल हेल्थ मिशन मध्यप्रदेश की सात फरवरी को आयोजित संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने के बाद एग्जाम को निरस्त कर दिया गया है।

आरोपियों ने SAMS कंपनी से ऑनलाइन खरीदा था पेपर 

एसपी सांघी ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने यह भी बताया कि उन्होनें पेपर स्ट्रेटेजिक अलायंस मैनेजमेंट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड (SAMS) नाम की कंपनी की वेबसाइट से ऑनलाइन खरीदा था। यह कंपनी सरकारी विभागों में रिक्रूटमेंट कंसल्टिंग का काम करती है। आरोपियों ने इसके एवज में 15 लाख रुपए भी चुकाए थे। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि कंपनी के पास पेपर कहां से आया। फिलहाल कंपनी से संबंधित कोई भी व्यक्ति नहीं पकड़ा गया है। परीक्षा ले रही एजेंसी से आरोपियों का सीधा कनेक्शन नहीं है। आरोपी इसी कंपनी के जरिए ही पूरा काम कर रहे थे।

अमित सांघी ने कहा कि पुलिस इस मामले में NHM के अफसरों की भूमिका की भी जांच कर रही है। बहरहाल पुलिस आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद रिमांड पर ले रही है ताकि इनके नेटवर्क का खुलासा हो सके।



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