मुजफ्फरनगर. किसानों की राजधानी कहे जाने वाले सिसौली में आज भी एक आंदोलनकारी दादी ऐसी हैं जो कि हृष्ट-पुष्ट दिखाई देती हैं. दादी की उम्र करीब 110 वर्ष हो चुकी है. लेकिन आज भी कोई उन्हें देखता है तो यह नहीं कहता कि 110 साल की उम्र की हो चुकी हैं. इनका नाम है दादी रघुबीरी. दादी रघुबीरी ने बड़े-बड़े आंदोलनों में हिस्सा लिया है. दिल्ली, मुजफ्फरनगर, भोपा, मेरठ, शामली सहित अन्य जगह भी महेंद्र सिंह टिकैत के साथ आंदोलन किए हैं.
NEWS18 लोकल की टीम को आंदोलनकारी दादी ने बताया कि मैंने शादी के बाद से ही धरना-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था. जहां भी महेंद्र सिंह टिकैत का धरना होता था, मैं वहां बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी. मैंने अपने जीवन में कई बड़े-बड़े धरने किए हैं और जीत भी हासिल की है. आंदोलनकारी दादी रघुबीरी आज भी अपनी सेहत का ध्यान रखती हैं और गांव में वह अपने खेतों में टहलने जाती है, ताकि उनका स्वास्थ्य सही रह सके.
आंदोलनकारी दादी से दूर-दूर से लोग मिलने भी आते हैं. जब आंदोलनकारी दादी से उनकी सेहत का राज पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मैं शुरू से ही देसी खाना खाती हूं. जैसे मक्का की रोटी, चने का साग, उड़द की दाल, दूध, दही, मट्ठा और घी शक्कर. उन्होंने बताया कि खाना खाने के बाद टहलने का भी शौक है. आंदोलनकारी दादी ने यह भी कहा कि आज भी सभी लोगों को देसी खाना ही खाना चाहिए क्योंकि देसी खाना हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होता है और बहुत ही ताकतवर होता है.
बहु करती है दिन-रात सेवा
आंदोलनकारी दादी की बहू से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वे लगातार अपनी सास की सेवा करती हैं. सुबह-शाम सास का पैर दबाती हैं. उनकी मालिश करती हैं. उन्हें जो भी पसंद होता है बना कर देती हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आंदोलनकारी दादी आज भी अपनी ही पसंद का खाना खाती हैं. गुड़ मट्ठा और घी शक्कर तो वे बड़े ही शौक से खाती हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 19, 2022, 18:01 IST