Mukhtar Ansari:मिट्टी में मिला माफिया मुख्तार का राजनीतिक भविष्य, गुनाह गिनते-गिनते थक जाएंगे – Mafia Mukhtar Ansari Political Future Ruined In Soil Know His Crime History


बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का राजनीतिक भविष्य लगभग खत्म हो गया है। बीते आठ महीने के दौरान ही उसे चार मामलों में सजा मिल चुकी है। अब माफिया के लिए राजनीतिक सफर को आगे बढ़ा पाना मुश्किल होगा। वह लंबे समय तक मऊ की सदर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहा है। दूसरी तरफ, माफिया का एकछत्र साम्राज्य भी ढह गया है। सांसद भाई अफजाल अंसारी को भी चार साल की सजा मिल गई है। मऊ सदर से वर्तमान विधायक व माफिया का बेटा अब्बास अंसारी कासगंज जेल में बंद है। बहू निखत अंसारी भी जेल में है। पत्नी आफ्शा अंसारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित हो चुका है। पुलिस के रिकॉर्ड में वह फरार चल रही है। नीचे की स्लाइड्स में पढ़ें मुख्तार के सियासी सफर के बारे में…

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माफिया मुख्तार अंसारी को 22 सितंबर 2022 से 29 अप्रैल 2023 के बीच चार मामलों में सजा मिल चुकी है। 22 सितंबर 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्तार को सात साल की सुनाई थी। ठीक अगले ही दिन यानी 23 सितंबर को जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की अदालत ने गैंगस्टर के मामले में पांच साल की सजा सुनाई थी।



मुख्तार अंसारी ने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर वर्ष 1996 में पहली बार मऊ के सदर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। इसके बाद 2002 व 2007 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीतकर लखनऊ पहुंच गया। 2012 में कौमी एकता दल का गठन किया और चुनाव लड़कर जीत हासिल की। 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से टिकट की मांग की, लेकिन नहीं मिल सका। 


इसके बाद कौमी एकता दल से ही चुनाव मैदान में उतरा और जीत हासिल की। हालांकि, वर्ष 2022 के चुनाव से मुख्तार ने दूरी बना ली और अपनी राजनीतिक विरासत बेटे अब्बास अंसारी को सौंप दी। अब्बास अंसारी ने पिता की परंपरागत सीट से ही सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की है।




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