Moradabad: महिला अस्पताल में लाल-पीली और हरी पट्टी के हिसाब से होगा मरीजों का इलाज, जानें वजह


रिपोर्ट: पीयूष शर्मा

मुरादाबाद. इंडिया हेल्थ एक्शन ट्रस्ट (IHAT) जनसंख्या स्वास्थ्य में सुधार के लिए व्यापक और स्थायी कार्यक्रम विकसित कर निरंतर काम कर रहा है. इसी के तहत यूपी के मुरादाबाद के जिला महिला अस्पताल में भी यह ट्रस्ट काम कर रहा है. यहां पर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जा रहा है. इसके साथ ही जिला चिकित्सालय को विकास की और बढ़ाया जा रहा है. दरअसल जो भी कमियां हैं, उनको पूरा किया जा रहा है. इस बीच ट्रस्ट ने जिला महिला चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को उनकी स्थिति के हिसाब से एक पट्टी बांधने की प्रक्रिया शुरू की है. इसके माध्यम से डॉक्टर आसानी से पता लगा सकता है कि मरीज का किस स्थिति में इलाज करना है. या मरीज की क्या कंडीशन है.

इस समय तीन तरह की पट्टी मरीजों को बांधी जा रही हैं. पहली पट्टी लाल है, जो आपातकालीन स्थिति को दर्शाएगी. दूसरी पट्टी पीले रंग की बांधी जा रही है, जो प्राथमिकता को दर्शाएगी. जबकि तीसरी पट्टी हरे रंग की बांधी जा रही है, जो गैर आपात स्थिति को दर्शाएगी. यह पट्टी मरीज को भर्ती करते समय बांधी जा रही हैं, ताकि डॉक्टर इस पट्टी को देखकर मरीज का जल्दी से जल्दी और बेहतर इलाज कर सकें.

ट्रस्ट कई चिकित्सा सुविधाओं में कर रहा कार्य
ट्रस्ट की मेंटर नैंसी सिंह ने बताया कि मैं मुरादाबाद जिला महिला चिकित्सालय में पिछले 1 साल से कार्यरत हूं. हमारी ऑर्गेनाइजेशन पूरी हेल्थ को देखती है. जैसे मैटरनल, न्यू बोर्न, फैमिली प्लानिंग, एडोलेशन हेल्थ और एमएनसीएच को पूरा कवर करती है. हमारा काम हॉस्पिटल की सुविधाओं को बेहतर बनाना है. इसके साथ ही स्टाफ को हमें ट्रेनिंग देनी है. प्रत्येक माह मीटिंग करानी है और जहां कमियां हैं उन्हें दूर कराना है.

ट्रस्ट ने अस्पताल में तीन तरह का बैंड कराया शुरू
नैंसी सिंह ने बताया कि हमने अपने मैटरनल हेल्थ को और ज्यादा मजबूती दी है. हमने प्रयोग के तौर पर तीन कलर निर्धारित किए गए हैं. लाल, पीला और हरा. साथ ही बताया कि जब हमारा मरीज एडमिशन के लिए आता है तो उसके लाल बैंड ऑलरेडी लगा होता है. इसके लिए मौजूदा स्टाफ को ट्रेनिंग दे दी गई है. स्टाफ मरीज को बैंड बांधता है, तो डॉक्टर सबसे पहले लाल बैंड वाले मरीज का उपचार करता है. इससे मरीज को गंभीर हालत में बढ़ने वाली दिक्कत और खतरों से बचाया जा सकता है. सभी डॉक्टर को यह ट्रेनिंग दे दी गई है. यह बैंड को देखकर ही मरीज का उपचार शुरू कर देते हैं.

Tags: Health News, Moradabad News



Source link