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मां विंध्यवासिनी के नाम पर वेबसाइट बनाकर भक्तों से धोखाधड़ी करने के मामले में मंगलवार को देर शाम विंध्याचल पुलिस ने एक फेसबुक पेज और तीन वेबसाइट के खिलाफ तकनीकी उपयोग से धोखाधड़ी व आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। जांच के आधार पर पेज व वेबसाइट का संचालन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
फेसबुक पेज व वेबसाइट के माध्यम से आस्था के नाम पर चंदा एवं निर्माण कार्य के नाम पर सहयोग राशि मांग कर ठगी की जा रही थी। इस मामले को अमर उजाला के आठ जनवरी के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। भक्तों को गुमराह करने व आस्था धाम की छवि धूमिल करने को लेकर श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी एवं मंत्री भानु पाठक ने विंध्याचल कोतवाली में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू हो गई है।
मां विंध्यवासिनी के नाम पर फर्जी वेबसाइट या फेसबुक पर पेज बनाकर श्रद्धालुओं से चंदा व सहयोग राशि मांगी जा रही है। यही नहीं, ऐसी वेबसाइट पर दर्शन-पूजन, पूजा-पाठ इत्यादि के लिए बाकायदा शुल्क तक तय कर दिया गया। विंध्य कॉरिडोर के निर्माण के लिए भी दान मांगा जा रहा था, जबकि सारा निर्माण शासन-प्रशासन स्तर से कराया जा रहा है।
ऐसी कई वेबसाइट व पेज इंटरनेट पर सक्रिय हैं। इसकी शिकायत भी भक्तों ने की। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने इस मामले की गंभीरता से लेते हुए सिटी मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह को टीम गठित कर जांच का आदेश दिया था।
आठ सदस्यीय टीम की जांच में चंदा व सहयोग राशि की मांग करने वाली कई वेबसाइट का पता चला था। इनमें से तीन को निलंबित कर दिया गया। साथ ही वेबसाइट की गतिविधियों को खंगाला जा रहा है। संचालकों की तलाश में भी पुलिस जुटी हुई है। वेबसाइट की जांच के लिए साइबर टीम को भी लगाया गया है। जांच कमेटी का अध्यक्ष सीओ सिटी परमानंद कुशवाहा को बनाया गया है। तहसीलदार सदर व विंध्य विकास परिषद के सदस्य अरुण कुमार गिरी संयोजक हैं।
सदस्यों में डीआईओ अभिषेक श्रीवास्तव, सहायक सूचना अधिकारी ओम प्रकाश उपाध्याय, विधिक सलाहकार नरेश चंद गुप्ता, प्रभारी निरीक्षक विंध्याचल, श्री विंध्य पंडा समाज पंकज द्विवेदी, श्री विंध्य पंडा समाज के मंत्री भानु पाठक शामिल हैं। टीम जांच के साथ ही भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी व मनमानी न हो, इसके लिए सुझाव भी देगी। सीओ सिटी परमानंद कुशवाहा का कहना है कि श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष एवं मंत्री की तहरीर पर एक फेसबुक पेज व तीन वेबसाइट के खिलाफ तकनीकी उपयोग से धोखाधड़ी व आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना के आधार पर वेबसाइट का संचालन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।