मेरठ में प्रधान प्रत्याशियों की बांटी शराब पीने से 10 लोगों की मौत, दो आरोपी गिरफ्तार


हैरान करने वाली बात है कि मृतकों में से किसी का भी पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया गया. आनन-फानन में सभी के अंतिम संस्कार कर दिए गए. मृतकों के परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले को दबाने की कोशिश की. पुलिस ने सब कुछ जानने के बाद भी मृतकों का पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया

हैरान करने वाली बात है कि मृतकों में से किसी का भी पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया गया. आनन-फानन में सभी के अंतिम संस्कार कर दिए गए. मृतकों के परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले को दबाने की कोशिश की. पुलिस ने सब कुछ जानने के बाद भी मृतकों का पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया

मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ (Meerut) जिले के एक ही गांव के कई लोगों की मौत से हड़कंप मच गया है. पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election) में शराब पीने के बाद इन लोगों की हालत बिगड़ गई. जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि प्रत्याशियों ने जहरीली शराब (Hooch) बांटी जिसे पीने से गांव के आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. एक के बाद एक होती मौतों के बाद पुलिस अपनी कुंभकरणी नींद से जागा है और उसने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दो लोगों को गिरफ्तार किया है. मामला मेरठ के इंचोली थाना क्षेत्र के साधारणपुर गांव का है. जहां एक-एक कर दस लोगों की मौत होने से हड़कंप मचा गया है. गांव के कई परिवारों के युवक जहरीली शराब पीने से दम तोड़ चुके हैं. हैरान करने वाली बात है कि मृतकों में से किसी का भी पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया गया. आनन-फानन में सभी के अंतिम संस्कार कर दिए गए. मृतकों के परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले को दबाने की कोशिश की. पुलिस ने सब कुछ जानने के बाद भी मृतकों का पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया. इसके अलावा आरोपी ग्राम प्रधानों ने उन्हें अपना मुंह बंद रखने के लिए रुपयों का लालच भी दिया. लेकिन गांव में इतनी ज्यादा संख्या में मौतें होने से पुलिस अब बैकफुट पर है. गांव के दो शराब ठेकों को पुलिस ने किया सील इंचोली थाना अध्यक्ष की तरफ से आरोपी प्रधान प्रत्याशियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हालांकि एक आरोपी अभी भी फरार है. वहीं, पुलिस ने इस मामले में गांव के दो शराब के ठेकों को सील करवा दिया है. लोगों की मानें तो पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधानी का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने शराब बांटी थी जिसे पीने से एक दर्जन से ज्यादा लोगों की हालत बिगड़ गई. इसके बाद उनमें से कुछ को अस्पताल में भर्ती कराया गया जबकि कुछ लोगों ने इलाज ना मिलने के कारण घर में दम तोड़ दिया.घटना के बाद ग्रामीणों ने मृतकों के परिवारवालों के ऊपर दबाव बनाया और शवों का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमॉर्टम कराए ही करवा दिया. इस मामले की शिकायत पुलिस के आला अधिकारियों से की गई तो लोकल थाना हरकत में आई. जहरीली शराब पीने से इतनी संख्या में लोगों की हुई मौत के बाद गांव में मातम का माहौल है. ग्रामीणों में प्रधान प्रत्याशियों के खिलाफ गुस्सा है. वहीं, पुलिस की लचर कार्यप्रणाली को लेकर भी उनमें आक्रोश बना हुआ है.







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