रिपोर्ट- विशाल भटनागर
मेरठ: पश्चिम उत्तर प्रदेश के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सरदार वल्लभभाई पटेल चिकित्सालय में रहस्यमयी वायरल बुखार का भी अब सटीक ट्रीटमेंट किया जाएगा. मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो, इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. मरीज को हुए वायरल बुखार को लेकर अगर डॉक्टर को किसी भी प्रकार का कोई संदेह होगा तो ऐसे में सबसे पहले गहनता से जांच की जाएगी और फिर उपचार किया जाएगा.
इलाज से पहले होगी वायरल की जांच
मेडिकल कॉलेज में मेडिसन विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर अरविंद कुमार ने News18 local से खास बातचीत में बताया कि वायरल की सटीक जानकारी पता लग जाने के बाद इलाज आसान हो जाता है. इस तरह से जांच में मरीज जल्दी ठीक भी होते हैं. इसलिए जो भी मरीज यहां उपचार कराने के लिए आ रहे हैं, पहले तो मरीजों से बात कर वायरल कैसा है, क्या लक्षण है, इसकी पूरी जानकारी ली जाती है. वहीं, डॉक्टरों की टीम को किसी भी बात का संदेह होता है तो पहले उसकी जांच कराई जाती है ताकि मरीज का बेहतर उपचार किया जा सके. दरअसल बिना जांच या फिर दवाइयों के भरोसे इलाज शुरू करने पर मरीज की हालत और बिगड़ सकती है
माइक्रोबायोलॉजी लैब में उपलब्ध है सभी जांच
माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट को प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ लेप्टोस्पायरोसिस यानी पीपीसीएल कार्यक्रम के लिए चुना गया है. इस योजना के अंतर्गत बारिश और बाढ़ के दौरान उत्पन्न होने वाले किसी भी प्रकार के वायरल की अच्छे से जांच की जा सकेगी. दरअसल, इस मौसम में देखा जाता है कि बाढ़ के बाद प्रभावित इलाकों में संक्रमित चूहे, खरगोश, कुत्ते, बिल्ली, बकरी, भेड़ सहित पशुओं में लेप्टोस्पाइरा नामक बैक्टीरिया पाया जाता है. जो कि काफी घातक होता है और इन जानवरों के संपर्क में आने से इंसानों को भी खतरा रहता है. ऐसे में अब इन सभी प्रकार के वायरस की जांच मेरठ मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी में भी की जा सकेगी. अगर मरीज में इस तरह का कोई संकट हो तो जांच के बाद उसे बेहतर उपचार मिल सके. केजीएमयू लखनऊ के बाद दूसरा सेंटर मेरठ बन गया है.
गंभीर मरीज को तत्काल मिलेगी रिपोर्ट
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर किसी मरीज की ज्यादा हालत खराब होगी तो तत्काल जांच कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इसके साथ ही आरटीपीसार जांच के अंतर्गत मरीज का बेहतर उपचार शुरू किया जाएगा
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
विशेषज्ञों का कहना है कि अपने घर के आस-पास साफ-सफाई अवश्य रखनी चाहिए. बारिश के सीजन में बाहर के खानों से परहेज करना चाहिए . साथ ही बदन में दर्द, गले में खराश, जुकाम, बुखार शरीर पर दाने होना, थकान महसूस होना जैसी अगर कोई भी दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
डॉक्टर की सलाह पर ही लें दवाई
डॉक्टरों का कहना है कि देखा जाता है कि अक्सर लोग बुखार के साथ दर्द की दवाई भी लेते हैं. लेकिन मरीज को इस तरह की कोई भी दवाई लेने से बचना चाहिए. क्योंकि अगर बीमारी की सही जानकारी नहीं होती है. तो कई बार वायरल बुखार बिगड़ जाता है. जिससे कि मरीज की हालत काफी नाजुक भी हो जाती है. ऐसे में अगर आपको बुखार है. तो बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई ना लें.
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Tags: Meerut news, Uttar pradesh news
FIRST PUBLISHED : August 05, 2022, 12:47 IST