Mathura: महिला थाना प्रभारी अलका ठाकुर ने 710 घरों को टूटने से बचाया! बोलीं- सुलह से मिलती है खुशी


रिपोर्ट- चंदन सैनी

मथुरा. उत्तर प्रदेश का पुलिस महकमा अक्सर अपनी कार्य प्रणाली को लेकर चर्चाओं में रहता है. इतना ही नहीं पुलिस का नाम सुनते ही आम जन मानस के मन में तमाम तरह के विचार उठने लगते हैं, लेकिन मथुरा के एक महिला थाने में तैनात थाना प्रभारी निरीक्षक अपने कर्तव्यों के साथ-साथ सामाजिक सेवा और इंसानियत का भी फर्ज निभा रही है. आप सोच रहे होंगे कौन हैं और कैसे ये सब कर रही हैं, तो चलिए बताते हैं.

दरअसल मथुरा के महिला थाना में तैनात थाना प्रभारी निरीक्षक अलका ठाकुर अपने कर्तव्यों का तो निर्वहन कर ही रही हैं. साथ ही उन लोगों के परिवार को टूटने से बचा रही हैं, जो घरेलू हिंसा का शिकार हुए हैं. दोनों परिवारों के सदस्यों को बुलाकर अलका ठाकुर पहले उनकी काउंसलिंग करती हैं. फिर काउंसलिंग के बाद खुशी-खुशी उन दोनों परिवारों को एक दूसरे से मिलाती हैं. यही कारण है कि अलका ठाकुर इन दिनों लोगों की चर्चाओं में हैं. जबकि लोग भी उनकी चर्चा करते नहीं थक रहे हैं. वहीं, वह लोगों के अंदर पुलिस विभाग के प्रति एक सकारात्मक सोच भी पैदा कर रही हैं.

‘1500 में से 710 मामले सुलझाए’
NEWS 18 LOCAL से बात करते हुए महिला थाना प्रभारी निरीक्षक अलका ठाकुर ने बताया कि 11 महीनों में बहुत कुछ उतार-चढ़ाव देखे हैं. इस दौरान 1500 घरेलू हिंसा के मामले थाने में दर्ज हुए. उन सभी मामलों में से 710 मामले ऐसे हैं, जो मेरे द्वारा काउंसलिंग कर उन्हें सकुशल जोड़ दिया गया. साथ ही साथ बताया कि ये परिवार आज घरेलू हिंसा के शिकार होने से बचे हैं और वो अपने परिवार को चला रहे हैं. अलका ठाकुर के मुताबिक, इस तरह से मामले सुलझाकर बहुत ही खुशी मिलती है.

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