रिपोर्ट – चंदन सैनी
मथुरा. समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का मथुरा के साथ विशेष संबंध था. पूर्व मुख्यमंत्री यादव का लंबी बीमारी के चलते दिल्ली के मेदांता हॉस्पिटल में निधन होने के बाद मथुरा के लोग उन्हें एक तहसील और शुगर मिल से जुड़ी कहानी के ज़रिये याद करते हुए श्रद्धांजलि दे रहे हैं. मुलायम सिंह यादव के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक व्याप्त है, गोवर्धन तहसील से जुड़ी करीब 16 साल पुरानी यादें मथुरा को रह-रहकर याद आ रही हैं.
दरअसल सपा सरकार की नींव रखने से पहले मुलायम सिंह यादव कई बार मथुरा के दौरे पर आए और जगह-जगह सभाओं को संबोधित किया था. उन्होंने 2006 में गोवर्धन को तहसील बनाने की घोषणा की थी. 2007 में बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनी तो तहसील बनाने का काम रुक गया. लेकिन उनके बेटे अखिलेश यादव जब 2012 में मुख्यमंत्री बनकर सत्ता में आए तो उस घोषणा को पूरा किया. अखिलेश ने 2014 में गोवर्धन को तहसील का दर्जा दिलवाया.
स्कूल, सड़क और शुगर मिल की सौगात
News18 Local से बात करते हुए सपा कार्यकर्ता तनवीर अहमद बताते हैं कि ‘नेताजी’ के नाम से मशहूर यादव से उनका पुराना नाता रहा. उन्होंने मथुरा में स्कूल और तहसील बनाने के विकास कार्य के साथ-साथ चाहता की शुगर मिल को भी बिकने से रुकवाया था. तनवीर के मुताबिक पूर्व मंत्री तेजपाल सिंह और मुलायम सिंह यादव का कई दशक पुराना नाता रहा. पहले दोनों लोग जनता पार्टी से जुड़े रहे. जब चौधरी चरण सिंह के साथ मुलायम सिंह यादव जुड़े तो तेजपाल सिंह मथुरा के जिला अध्यक्ष रहे.
वह कहते हैं कि मुलायम सिंह के दिल में हमेशा मथुरा में मिली हार के लिए कसक रही. 1994 में मुख्यमंत्री बनने पर एक जनसभा को संबोधित करने आए यादव ने चाहता क्षेत्र में स्कूल और सड़कों के लिए अपना खजाना खोल दिया था. अहमद बताते हैं कि चौमुंहा में सर्वोदय डिग्री कॉलेज भी मुलायम सिंह यादव की देन है. यही नहीं, उस वक्त चाहता शुगर मिल बिक रही थी, तब उन्होंने इसे बिकने नहीं दिया था.
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Tags: Mathura news, Mulayam Singh Yadav
FIRST PUBLISHED : October 11, 2022, 09:41 IST