लखनऊ के लुलु मॉल के बाद अब प्रयागराज जंक्शन में पढ़ी गई नमाज, जानें पूरा मामला


हाइलाइट्स

प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित वेटिंग रूम में कुछ लोगों द्वारा नमाज अदा की गई.
ह्यूमन ट्रैफिकिंग की आशंका के चलते दो व्यक्तियों के साथ 15 नाबालिग और 6 बालिग बच्चों को उतारा गया था.
महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से उतरने के बाद उन्हें वेटिंग रूम में रोका गया, जहां पर वह नमाज करने लगे.

लखनऊ. यूपी की राजधानी लखनऊ के लुलु मॉल के बाद अब प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में नमाज पढ़ने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित वेटिंग रूम में कुछ लोगों द्वारा नमाज अदा की गई है. दरअसल ह्यूमन ट्रैफिकिंग की आशंका के चलते दो व्यक्तियों के साथ 15 नाबालिग और 6 बालिग बच्चों को महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से उतारा गया था, जिनसे वेटिंग रूम में ही बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ अखिलेश मिश्र व सदस्य आकांक्षा सोनकर और अरविंद कुमार पूछताछ कर रहे थे.

इस बीच शाम के करीब 7 बजे जब नमाज का वक्त हुआ तो मदरसे का शिक्षक अब्दुल रब वेटिंग रूम में ही बच्चों को लेकर नमाज पढ़ने लगा, लेकिन वहां पर मौजूद जीआरपी और आरपीएफ ने वेटिंग रूम में नमाज पढ़ने से उन्हें नहीं रोका. मदरसे के शिक्षक ने नाबालिग बच्चों के साथ पूरी इत्मीनान के साथ नमाज अदा की. इस दौरान जीआरपी और आरपीएफ के इंस्पेक्टर व अन्य सुरक्षाकर्मी मूकदर्शक बने रहे. आरपीएफ और जीआरपी के लोगों ने सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढ़ने से उन्हें तो नहीं रोका.

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गौरतलब है कि बचपन बचाओ आन्दोलन संस्था ने आरपीएफ प्रयागराज जंक्शन को यह सूचना दी थी कि न्यू जलपाईगुड़ी से दिल्ली जा रही ट्रेन नंबर 15483 महानंदा एक्सप्रेस में कुछ नाबालिक बच्चे ले जाए जा रहे हैं. बचपन बचाओ आंदोलन संस्था ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग की आशंका जताई थी. जिसके बाद ट्रेन के प्रयागराज जंक्शन पहुंचने पर आरपीएफ ने ट्रेन के इंजन से लगे दूसरे जनरल कोच से 15 नाबालिग व 6 वयस्क बच्चों के साथ दो लोगों को नीचे उतारा.

बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने लिया जायजा
बच्चों से आरपीएफ ने पूछताछ की, लेकिन जब बच्चे कहां जा रहे हैं. इस बारे में सही जानकारी नहीं दे पाए तो सभी को प्रयागराज जंक्शन पर सुबह 11:15 बजे उतार लिया गया. इस बारे में बाल कल्याण समिति प्रयागराज को सूचना दी गई. जिसके बाद बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ अखिलेश मिश्र व सदस्य आकांक्षा सोनकर और सदस्य अरविंद कुमार मौके पर पहुंचे. उन्होंने पूरे मामले की पड़ताल की. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ अखिलेश मिश्रा के मुताबिक ट्रेन से उतारे गए 15 नाबालिक बच्चे हैं, जिन्हें फतेहपुर जिले के सुल्तानपुर घोष थाना क्षेत्र के जामिया दारे अरकम मोहम्मदपुर गौंती मदरसे में ले जाया जा रहा था.

पुलिस की पूछताछ में बच्चे कहां से लाए जा रहे थे, नहीं बता पाए: पुलिस
उनके मुताबिक 6 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें दिल्ली मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था. उनके मुताबिक बच्चे कहां जा रहे थे, वे यह ठीक ढंग से नहीं बता पा रहे थे, जिसके बाद उनके परिजनों से संपर्क किया गया है. इनमें से कुछ बच्चे बिहार के खगड़िया जिले और बाकी सहरसा जिले के रहने वाले हैं. बच्चों की उम्र 8 से 15 साल के बीच है, लेकिन ज्यादातर बच्चे 9 से 11 साल के आयु वर्ग के हैं. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ अखिलेश मिश्र के मुताबिक इन बच्चों को फिलहाल बाल गृह भेजा जा रहा है. उनके मुताबिक परिजनों के आने पर बच्चों को उनके सुपुर्द कर दिया जाएगा.

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