लॉकडाउन में नौकरी छूटी तो इंजीनियर से बन गया मोबाइल लुटेरा…

ट्रेनों में ऐसे करता था चोरी…

गाजियाबाद। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने गोल्डन टैंपल ट्रेन में यात्रियों के मोबाइल चुराने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। दोनों के पास से 13 मोबाइल मिले हैं। पकड़े गए बदमाशों की पहचान बागपत के हिसावदा गांव निवासी प्रिंस पाल और फिरोजाबाद के रहने वाले अवधेश सिंह के रूप में है।
सीओ जीआरपी सुदेश गुप्ता ने बताया कि प्रिंस मेरठ के मेडिकल थानाक्षेत्र में परिवार से अलग किराये के मकान में रहता है। प्रिंस पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स के बाद गुरुग्राम स्थित प्लांट में नौकरी कर रहा था। लॉकडाउन में नौकरी से निकाले जाने के बाद मेरठ में रहकर सब्जी बेचने लगा। सट्टा लगाने के दौरान करीब 50 हजार रुपये हार गया। इसके बाद वह दिन में एक पार्किंग का काम संभालता था। उसका संपर्क ट्रेनों में वेंडर का काम करने वाले अवधेश से हुआ। उसके बाद दोनों ने मिलकर ट्रेनों में यात्रियों के मोबाइल चुराने का काम शुरू कर दिया। अवधेश मोबाइल चुराता था और प्रिंस उन्हें बेचने का काम करता था। एक मोबाइल बेचने पर प्रिंस उसे 500-1000 रुपये कमीशन देता था।

आधी रात के बाद दो बजे गोल्डन टैंपल एक्सप्रेस मेरठ स्टेशन पहुंचती तो दोनों ही उसमें सवार हो जाते। इस समय अधिकांश यात्री सो रहे होते हैं। प्रिंस कटी हुई जेब वाली पैंट पहनता है। अच्छी कद-काठी और सैनिकों की तरह हेयर स्टाइल के कारण अधिकांश टिकट निरीक्षक उससे टिकट नहीं मांगते। यदि कोई पूछता तो कटी जेब दिखाकर कहता कि उसके साथ घटना हो गई है। प्रिंस का कहना है कि कई यात्री अपना मोबाइल चार्जिंग पर लगाकर सो जाते हैं तो कई की जेब से आसानी से मोबाइल निकल जाता है। मेरठ से दिल्ली के बीच वारदात कर वह सुबह आठ बजे तक मेरठ लौट जाता। मोबाइल बेचते समय भी जेब कटने का बहाना बनाता था।