क्राउड फंडिंग: कानपुर के बि​ल्डर हाजी वसी पर कस रहा शिकंजा, बड़े नाम आ सकते हैं सामने


हाइलाइट्स

क्राउड फंडिंग के आरोप में फंसे हैं हाजी वसी.
प्रेम नगर, चमनगंज और बेकन गंज इलाके में बनाए हैं हजारों फ्लैट्स.

कानपुर. क्राउड फंडिंग में फंसे कानपुर के बि​ल्डर हाजी वसी की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. कानपुर में 3 जून को हुई हिंसा के मामले में क्राउड फंडिंग के आरोप में बिल्डर हाजी वसी का नाम सामने आया था. इस मामले में लगातार वसी पर शिकंजा कसा जा रहा है और यह सामने लाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर किस-किस की सरपरस्ती से उसने इमारतों का इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा कर दिया. वसी ने कुछ ही सालों में तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर बेच डाले थे.

बता दें हाजी वसी नाम का यह बिल्डर जो कुछ साल पहले तक चंदा इकट्ठा कर तालीम देने के लिए जाना जाता था, वह आज बिल्डर्स की दुनिया का बेताज बादशाह है. दरअसल शहर के प्रेम नगर, चमनगंज और बेकन गंज इलाके में ही उसने कुछ सालों में सैकड़ों बिल्डिंग तान दीं, जिनमें हजारों फ्लैट्स थे. कुछ जगह ऐसी हैं जो समाज और कई संस्थाओं की हैं. शैक्षिक संस्था मुस्लिम एसोसिएशन की हलीम कॉलेज की जमीन पर कब्जे का आरोप भी हाजी वसी पर लगा हुआ है. इस जमीन पर उसने इमारतें बना दीं और फ्लैट बेच डाले.

प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत का अंदेशा
जमीनों पर कब्जे और ​इतनी बिल्डिंग बनाने को लेकर यह सवाल सामने है कि आखिर वसी पर किसका हाथ है, जो अवैध जमीन पर धड़ल्ले से फ्लैट बनाए गए. प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी की बिना इजाजत के ऐसा कैसे मुमकिन है? आखिर उसको किसने यह इजाजत दी कि वह घने आबादी वाले इलाके में 8 मंजिला इमारतें बनाता जाए? इसमें तत्कालीन कानपुर विकास प्राधिकरण के अफसर व जोन अधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं क्योंकि बिना उनकी निगरानी के यह कैसे मुमकिन हुआ?

पुलिस की लापरवाही भी आ रही सामने
बड़ा सवाल यह भी है कि जब यह बिल्डिंग धड़ल्ले से बनाई जा रही थी तो प्रशासन के साथ-साथ पुलिस ने भी अपनी आंखें मूंदे रखी. केडीए सूत्रों की मानें तो शहर के सिर्फ तीन इलाकों में ही हाजी वसी ने मिलीभगत करके डेढ़ सौ से ज्यादा इमारतें बनाई हैं, जिसमें तकरीबन तीन हजार फ्लैट बने हुए हैं. एक पूर्व बसपा नेता का आरोप है कि हलीम कॉलेज और मुस्लिम एसोसिएशन की जमीन पर कब्जे को लेकर कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया गया. वहीं, मुस्लिम एसोसिएशन के जिम्मेदार का इस मामले में कहना है कि मुस्लिम एसोसिएशन मैनेजमेंट का विवाद कोर्ट में विचाराधीन है.

Tags: Kanpur news, Kanpur Police



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