रिपोर्ट – शाश्वत सिंह
झांसी. पति-पत्नी का रिश्ता दुनिया में सबसे पवित्र रिश्तों में से एक होता है. जबकि करवाचौथ का त्योहार प्यार और समर्पण से बने इस रिश्ते का साक्षी है. इस दिन पत्नियां अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. हालांकि झांसी में एक पति-पत्नी ऐसे हैं जिन्होंने करवाचौथ को सही मायने में आयाम दिया है.
दरअसल, झांसी की इस जोड़ी का नाम प्रमोद दुबे और सुशीला दुबे है. 50 साल से अधिक के वैवाहिक जीवन के शुरुआती दिनों में सुशीला ने प्रमोद का ख्याल रखा. वहीं अब जब उम्र के इस पड़ाव में सुशीला मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, तो वह उनकी सेवा कर रहे हैं. प्रमोद रिटायर होने के बाद पारिवारिक कारणों के चलते वृद्धाश्रम आ गए थे. वह पिछले 6 साल वृद्धाश्रम में रहते हुए अपनी पत्नी की सेवा कर रहे हैं.
सुशीला का ख्याल रखने में बीतता है दिन
80 साल के प्रमोद ने बताया कि कुछ साल पहले उनकी पत्नी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गई हैं. आज उनका पूरा दिन अपनी पत्नी की सेवा में जाता है. उनकी नित्य क्रिया से लेकर उनकी चोटी बनाने तक का काम वह खुद अपने हाथों से करते हैं. इसके साथ ही सुशीला को खाना खिलाने और समय दवाई देने का काम भी वह खुद ही करते हैं. उनके प्यार और समर्पण को देखकर वृद्धाश्रम में रहने वाले अन्य लोगों के चेहरे पर मुस्कान और आंखों में खुशी के आंसू आ जाते हैं.
सुशीला का साथ देना ही मेरे लिए करवाचौथ
प्रमोद कहते हैं कि जब तक सुशीला ठीक थीं, तो वह करवा चौथ का व्रत किया करती थी. वह मानते हैं कि उनके व्रत के कारण ही आज स्वस्थ हैं और अपने साथ सुशीला का भी पूरा ख्याल रख पाते हैं. प्रमोद दुबे के मुताबिक, सुशीला की सेवा करके वह उनके व्रत का कर्ज उतार रहे हैं.डायबिटीज के मरीज होने के नाते वह व्रत तो नहीं रख सकते, लेकिन एक दिन के व्रत से कहीं अधिक फलदायी उनकी यह सेवा और प्यार है.
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Tags: Jhansi news, Karva Chauth
FIRST PUBLISHED : October 12, 2022, 17:59 IST